ट्रांसफार्मर क्या है और कैसे काम करता है, ट्रांसफार्मर को मल्टीमीटर से कैसे चेक करें? बस, बहुत हुआ ज्ञानबाजी शेयर करने का दौर। आज तक आप सिर्फ एक सीरियस आनंद को जानते थे जो कि हमेशा सिर्फ ज्ञान की बातें किया करता था। लेकिन अब नहीं, मेरा मतलब है कि अब ज्ञान की बातें शेयर करने के साथ-साथ इस ब्लॉग पर आपको funny story और एंटरटेनमेंट से सम्बंधित स्टोरी भी पढने को मिलेंगे। 😋😋
हाँ, इतना हम जरूर कह सकते हैं कि इस ब्लॉग पर हम जो भी कंटेंट शेयर करेंगे वो पूरी तरह से रियल होगी और अगर कभी कोई काल्पनिक स्टोरी शेयर करूँगा तो उस पोस्ट में ही जरूर स्पष्ट कर दूंगा। और साथ ही हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि सभी स्टोरीज हम सिर्फ-और-सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल दुनिया से सम्बंधित ही शेयर करें।
तो आज हम बोहनी करते हैं एक रियल और मजेदार funny story से जो कि बचपन में हमारे द्वारा ट्रांसफार्मर पर किये गए एक बेहूदा और हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देने वाले एक्सपेरिमेंट से सम्बंधित है। उम्मीद है कि इस कहानी को आप एन्जॉय करेंगे और इससे आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा…
2013-14 में ट्रांसफार्मर पर किया गया हमारा एक्सपेरिमेंट – Funny story
Funny story: दोस्तों, कहानी शुरू होती है आज से लगभग 7-8 साल पहले अर्थात 2013 या 2014 से। उस समय मैं तकरीबन 14-15 साल का रहा होऊंगा और इलेक्ट्रॉनिक्स से सम्बंधित रिसर्च करते हुए मुझे 5 साल से ज्यादा हो चुके थे। उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि इस दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट एक मैं ही हूँ 😁😁 और मैं सबकुछ जान चुका हूँ इस दुनिया के बारे में।
कुछ महीने पहले ही (2013 में) मैं ट्रांसफार्मर के बारे में जाना था और इसका कार्य-सिद्धांत समझ में आया था। फिर क्या था!! मेरे अनुसार मेरे पैरेंट के पास तो कुबेर का खजाना था 😭, इसलिए मैंने ट्रांसफार्मर खरीद-खरीदकर एक्सपेरिमेंट करना स्टार्ट कर दिया।
उस समय चूंकि मेरा उद्देश्य सिर्फ 12 वोल्ट का चार्जर बनाना ही था इसलिए मैं 12 वोल्ट के 1.5 एम्पियर का ट्रांसफार्मर ज्यादातर खरीदता था और साथ ही 6 वोल्ट के लिए 1 एम्पियर का भी कुछ ट्रांसफार्मर खरीदा था। इसके साथ मैंने जो एक छोटा-सा एक्सपेरिमेंट किया था, वो था इसके क्वाईल का रेसिस्टेंस चेक करना।
एक्चुअली में मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि ट्रांसफार्मर का प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाईल आपस में जुड़े हुए नहीं नहीं होते हैं (Funny story) 😂। इसलिए मैंने बारी-बारी से इनके क्वाईल का रेसिस्टेंट चेक किया और इससे मुझे ये समझ आया कि हाँ, सच में ट्रांसफार्मर का प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाईल आपस में जुड़ा हुआ नहीं होता है 😉।
हालांकि इसके बाद एक ट्रांसफार्मर को खोलकर भी मैंने इस बात को कन्फर्म कर लिया लेकिन सबसे जरूरी चीज जो कि मैंने नोट किया वो ये था कि इन दोनों ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाईल का रेजिस्टेंस लगभग 400 ओह्म्स होता है। इसके बाद ये बात मेरे मन में बैठ गया कि हरेक ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाईल का रेजिस्टेंस लगभग 400 ओह्म्स ही होता है। 😂😂
मेरे अन्दर के खुराफाती वैज्ञानिक ने इस बात का भी अविष्कार कर लिया कि अगर ये रेजिस्टेंस इससे बहुत ज्यादा कम हुआ तो इसका मतलब वो ट्रांसफार्मर शॉर्ट है और अगर इससे ज्यादा हुआ तो इसका मतलब ये हुआ कि उस ट्रांसफार्मर की वायरिंग में कहीं कोई एयर गैप रह गया है जिससे वो ट्रांसफार्मर सही से काम नहीं करेगा, या फिर काम ही नहीं करेगा। – Funny story 😉😉
उस समय हमारे गाँव में एक तो बिजली कम रहती थी और ऊपर से ढंग से वोल्टेज भी नहीं रहती थी जिस वजह से हमारे 12 वोल्ट बैटरी के चार्जर से ढंग से आउटपुट भी नहीं मिल पाती थी। इसलिए मेरे अन्दर के साइंटिस्ट ने ये निष्कर्ष निकाला कि अगर हम 12 वोल्ट के बजाये 18 वोल्ट के ट्रांसफार्मर के इस्तेमाल से चार्जर बनाएं तो शायद काम बन जायेगा। साथ ही हमने 1.5 एम्पेयर के बजाये 2 एम्पेयर के ट्रांसफार्मर अर्थात 18 वोल्ट के 2 एम्पेयर के ट्रांसफार्मर के इस्तेमाल से चार्जर बनाने की ठानी। Funny story in Hindi 😉😉
ट्रांसफार्मर खरीदने की कहानी – Funny story
Electronics related funny story in Hindi – फिर क्या था, मार्केट गया और ऊपर बताये गए वैल्यू की ट्रांसफार्मर खरीद लाया। लेकिन मेरी एक बुरी (या शायद अच्छी) आदत ये थी/है कि मैं जब भी कोई सामान खरीदता हूँ तो इस्तेमाल करने से पहले उसको चेक जरूर कर लेता हूँ कि वो सही है या ख़राब। इसलिए सबसे पहले मैंने उस ट्रांसफार्मर के प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाईल के रेजिस्टेंस को बारी-बारी से चेक किया और पाया कि प्राइमरी क्वाईल का रेजिस्टेंस तो लगभग 100 ओह्म्स (जैसा कि मुझे याद है) ही है 😭!!
फिर क्या था!! मेरे अन्दर के वैज्ञानिक ने तुरंत कैलकुलेट कर लिया कि ये ट्रांसफार्मर तो शॉर्ट है और अगर मैंने इसमें सप्लाई दिया तो इससे तो मेरे घर की वायरिंग में शॉर्ट लग जायेगा। चूंकि मेरे घर की वायरिंग टेम्पररी वायरिंग थी इसलिए ज्यादा संभावना थी कि आग भी लग सकती है। इसलिए मैंने डिसाइड किया कि इस ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल नहीं करना है और जहाँ से पर्चेस किया है उस दुकान में वापस करके दूसरा सही वाला ट्रांसफार्मर ले लेना है 😁।
ट्रांसफार्मर दुकान पर फेंक कर आ जाने की कहानी – Funny story
अगले ही दिन मैं उस दुकान में वापस गया और दुकानदार को सीधे शब्दों में बोल दिया कि भैया ये ट्रांसफार्मर सही नहीं है, जैसे ही मैंने इसमें सप्लाई दिया (सफ़ेद झूठ 😂) तो मेरे घर की वायरिंग में शॉर्ट लग गया। दुकानदार भैया ने ट्रांसफार्मर को एक नजर देखा और उन्हें मेरे बात का भरोसा नहीं हुआ। तो उन्होंने कहा कि बगल वाले मैकेनिक को बोलो चेक करने के लिए (वो मैकेनिक उसी दुकान के एक पार्ट थे)। Electronics related funny story in Hindi
मैं गया और मैकेनिक साहब को बोला कि ये ट्रांसफार्मर खराब है और भैया ने आपको चेक करने के लिए कहा है। तो उन्होंने भी क्वाईल का रेजिस्टेंस चेक किया, उनको भी उतना ही रेजिस्टेंस बताया लेकिन उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर ठीक तो है। मैं चूंकि उस समय इस दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट था इसलिए मुझे उस मैकेनिक के बात और ज्ञान पर जरा भी भरोसा नहीं हुआ और मैं अपने बात पर अड़ा रहा कि ये ट्रांसफार्मर खराब है 😂।
लेकिन उस मैकेनिक ने इस बात से साफ़ इनकार किया तो मैं वापस दुकान पर गया और बोला कि भैया मैकेनिक साहब ने कहा है कि ये ट्रांसफार्मर सही है लेकिन मैंने इस्तेमाल किया था तो ये ख़राब निकला था। इसलिए आप बस मुझे दूसरा ट्रांसफार्मर निकाल कर दे दीजिये, इससे ज्यादा मुझे और कुछ नहीं चाहिए।
लेकिन वो भैया भी मेरे जितना ही या शायद मेरे से भी ज्यादा जिद्दी किस्म के थे इसलिए उन्होंने भी दूसरा ट्रांसफार्मर देने से साफ़ इनकार कर दिया 😭। हालांकि ये बात अलग है कि अगर वो नया ट्रांसफार्मर निकालकर मुझे दे देते तो भी उनका कुछ नहीं बिगड़ना था क्योंकि पहले वाला ट्रांसफार्मर भी बिल्कुल उसी कंडीशन में था जैसा कि मैं खरीदकर ले गया था, अर्थात पूरी तरह से नए कंडीशन में था।
हम दोनों में बहुत बहस हुई लेकिन चूंकि दोनों को अपने-आप पर पूर भरोसा था इसलिए कोई भी अपने डिसीजन से तस-से-मस नहीं हुआ। आखिरकार मुझे गुस्सा आ गया (या शायद मैं अन्दर से रोने लग गया था) और मैंने कहा कि भैया आप ये ट्रांसफार्मर रख लीजिये, मैं जा रहा हूँ। और फिर उस ट्रांसफार्मर को वहीं पर छोड़कर मैं वापस अपने घर चला गया 😭। इसके बाद या शायद उसी दिन मैंने किसी और दुकान से दूसरा ट्रांसफार्मर खरीद लिया।
गलती का अहसास और मेरे लाइफ का एक सबक
जब मैंने दूसरा ट्रांसफार्मर ख़रीदा तो घर आकर फिर उसको भी चेक किया और पाया कि इसका भी रेजिस्टेंस उसी ट्रांसफार्मर के जैसा है। फिर क्या था! मेरा दिमाग सुन्न हो गया और तब जाकर मुझे मेरी बेवकूफी समझ में आया। अब जाकर मुझे समझ आया कि मैंने कितनी बड़ी बेवकूफी कर दी 😭। मुझे ये भी एहसास हुआ कि ट्रांसफार्मर के क्वाईल के बारे में मेरा सोचना गलत था और अलग-अलग वैल्यू के ट्रांसफार्मर के क्वाईल का रेजिस्टेंस अलग-अलग होता है और उनमें कितना भी ज्यादा का अंतर हो सकता है।
फिर पछतावे या शायद गुस्से की वजह से कुछ दिनों तक मैं उस दुकान पर वापस नहीं गया। आखिरकार कुछ दिनों के बाद कुछ सामान खरीदने के बहाने जब मैं उस दुकान पर गया तो हमें लगा कि शायद वो दुकानदार मुझे अपने मन से वो ट्रांसफार्मर या तो वापस कर देगा या फिर पैसा लौटा देगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, जो सामान मैं खरीदने गया था वो तो खरीद लिया लेकिन उस दुकानदार ने उस पुरानी घटना का जिक्र भी नहीं किया। और मैंने भी शर्म या शायद एटिट्यूड की वजह से उसका जिक्र नहीं किया और वापस घर आ गया। 😑😑
इसके बाद फिर इस बात को मैं कभी भूल नहीं पाया क्योंकि इस दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट होने की वजह से मुझे लगभग 150-200 रूपये का नुकसान जो उठाना पड़ गया था। मुझे बहुत आत्मग्लानी हुई थी कि मैं किस तरह से अपने पेरेंट्स के पैसे को बर्बाद करता जा रहा हूँ। लेकिन वो इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया के प्रति मेरा जूनून ही था कि मैंने कभी भी इस दुनिया से दूर होने का डिसीजन नहीं लिया 😒।
इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया से मेरे लगाव की गहराई
बेशक मैं इस दुनिया में कुछ भी नहीं कमा पाया और सिर्फ-और-सिर्फ बस लॉस का ही सामना किया लेकिन इसके बावजूद मैं आज भी इस दुनिया में नई-नई बातें सीखने में उतना हे इंटरेस्टेड हूँ जितना कि पहले था, या शायद आज के समय में मेरी जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ चुकी है। लेकिन आज के समय में हमारी जिम्मेवारियों ने हमारे पैरों को जकड़ रखा है और हम विवश हैं कि जीविकोपार्जन के लिए इस लाइन से हटकर कुछ अलग करना पड़ रहा है 😓।
इसके बावजूद हमारा जूनून कभी कम न तो हुआ है और न कभी होगा, हम बहुत ही बेसब्री से उस समय का इंतज़ार कर रहे हैं जब हम अन्य श्रोत से एक स्टेबल इनकम प्राप्त कर रहे होंगे और फिर भी हमारे पास जरूरत के हिसाब से समय बचा रहे। जब भी हमारे लाइफ में ऐसा समय आएगा, यकीनन हम वापस इस दुनिया में प्रवेश करेंगे और कोशिश करेंगे कुछ इनोवेटिव काम करने की 😌।
- क्या स्टेबलाइजर खुद से वोल्टेज पैदा करता है?
- क्या मोबाइल चार्जर से 12 वोल्ट की बैटरी को चार्ज कर सकते हैं?
तो दोस्तों, हमारी ये रियल स्टोरी आपको कैसी लगी और इससे आपको क्या सीखने को मिला कमेन्ट करके हमें जरूर बताएं। अगर हमारा ये electronics related funny story in Hindi आपको पसंद आये तो इसे लाईक और शेयर करें और साथ हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना भी न भूलें। अगर आपको सही लगे तो हमारे यूट्यूब चैनल दिमागी कसरत को सब्सक्राइब करना भी न भूलें। धन्यवाद…
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धन्यवाद धर्मेन्द्र जी, हम दिल्ली से सम्बंधित आपके पोस्ट को जरूर देखेंगे. वैसे हम दिल्ली में DDA में लगभग 2 साल जॉब भी कर चुके हैं.