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Home » Electronics » स्टेबलाइजर में ऑटो ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है

स्टेबलाइजर में ऑटो ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है

Posted by: Anand Kumar  |  On: Jun 29, 2019  |  Updated on: Jun 30, 2019

क्या आप स्टेबलाइजर रिपेयरिंग का काम सीखना चाहते हैं, क्या आप जानना चाहते हैं कि stabilizer कैसे बनता है, क्या आप जानना चाहते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे बनाया जाता है? क्या आप स्टेबलाइजर रिपेयरिंग टिप्स और स्टेबलाइजर रिपेयरिंग गाइड हिंदी में पाना चाहते हैं?

यदि हाँ तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम किसी भी प्रकार के स्टेबलाइजर के ट्रांसफार्मर के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं। साथ ही इस पोस्ट में आज हम वोल्टेज स्टेबलाइजर ट्रांसफार्मर सर्किट के बारे में भी बताने जा रहे हैं कि ये कैसे काम करता है?

Voltage stabilizer transformer circuit
Wikimedia

 

ऑटो ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है

इससे पहले कि हम आपको स्टेबलाइजर के ऑटो ट्रांसफार्मर के बारे में बताएं आपका ये जान लेना बहुत ही जरूरी है कि कोई भी एक ऑटो ट्रांसफार्मर काम करता किस प्रकार से है अर्थात auto transformer working principle क्या होता है?

दरअसल किसी भी ऑटो ट्रांसफार्मर के पूरे वाइंडिंग में सामान्यतः एक ही क्वाईल का उपयोग किया जाता है। अर्थात पूरे ऑटो ट्रांसफार्मर के बैंडिंग में एक ही गेज (मोटाई) का क्वाईल इस्तेमाल होता है। इसलिए किसी भी ऑटो ट्रांसफार्मर के क्वाईल में किसी भी 2 पॉइंट के बीच की लम्बाई और उसके बीच का वोल्टेज, एक-दूसरे के समानुपाती होता है।

  • ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर काम करता है
  • मल्टीमीटर से ट्रांसफार्मर की चेकिंग कैसे करें

कहने का तात्पर्य ये है कि यदि ऑटो ट्रांसफार्मर के बैंडिंग में इस्तेमाल किये गए क्वाईल के किसी भी 2 पॉइंट तक तार की लम्बाई 1 मीटर है और उसी पॉइंट के बीच 100 वोल्ट मौजूद है तो ट्रांसफार्मर के पूरे क्वाईल पर अन्य किसी भी 2 पॉइंट के बीच की लम्बाई, यदि 1 मीटर हो तो उस पॉइंट पर 100 वोल्ट ही होगा लेकिन यदि तार की लम्बाई 2 मीटर हो तो उस पॉइंट पर 200 वोल्ट होगा।

अर्थात जैसे-जैसे क्वाईल के तार की लम्बाई बढ़ती जाएगी ठीक उसी अनुपात में वोल्टेज भी बढ़ता जाएगा। इस बात को आप नीचे auto transformer working principal diagram में भी समझ सकते हैं।

Auto transformer working principle

ऊपर ऑटो ट्रांसफार्मर वर्किंग प्रिंसिपल डायग्राम में आप देख सकते हैं कि हमने a मीटर लम्बाई के क्वाइल के बीच 30 वोल्ट माना है तो 7a मीटर लम्बा क्वाईल के बीच 30×7=210 वोल्ट हो जाता है। ठीक उसी प्रकार से ज्यों-ज्यों क्वाईल की लम्बाई a मीटर तक बढ़ती है वोल्टेज भी 30 वोल्ट बढ़ता जाता है।

इसके बाद सबसे अंत में जब क्वाइल की लम्बाई 14a मीटर हो जाती है तो पूरे क्वाइल पर वोल्टेज 30×14=420 वोल्ट हो जाता है। अब मेरे ख्याल से आपने ऑटो ट्रांसफार्मर वर्किंग प्रिंसिपल को बेहतर तरीके से समझ लिया होगा इसलिए चलिए अब स्टेबलाइजर के ऑटो ट्रांसफार्मर के बारे में भी जान लेते हैं।

  • स्टेबलाइजर का काम क्या है
  • ट्रांसफार्मर जलने के टॉप 5 वजह

 

वोल्टेज स्टेबलाइजर ट्रांसफार्मर सर्किट डायग्राम

इस हैडिंग में हम आपको एक स्टेबलाइजर का ट्रांसफार्मर के बारे में समझाने जा रहे हैं कि आखिर किसी भी स्टेबलाइजर में ट्रांसफार्मर का काम क्या है और स्टेबलाइजर का ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है?

हालांकि इस पोस्ट में आज हम आपको स्टेबलाइजर के ऑटो ट्रांसफार्मर के बारे में जो भी बातें बताने जा रहे हैं वो सभी प्रकार के आटोमेटिक स्टेबलाइजर और मैन्युअल स्टेबलाइजर के ट्रांसफार्मर के लिए सही है। लेकिन ये पोस्ट आपको ज्यादा बेहतर तरीके से समझ आ जाए इसलिए इस पोस्ट में हम सिर्फ मैन्युअल स्टेबलाइजर के ट्रांसफार्मर के बारे में ही बताएँगे लेकिन यही नियम आटोमेटिक स्टेबलाइजर के लिए भी लागू होगा।

stabilizer transformer winding formula in hindi

ऊपर stabilizer transformer winding diagram में आप ट्रांसफार्मर के बनावट को निम्नलिखित प्रकार से समझ सकते हैं।

  1. एक ही गेज (मोटाई) के क्वाईल से पूरे ऑटो ट्रांसफार्मर में बैंडिंग किया गया है। (जबकि स्टेप-अप और स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर में इनपुट और आउटपुट के लिए अलग-अलग साइज़ के क्वाईल तार का इस्तेमाल होता है।)
  2. सभी प्रकार के ट्रांसफार्मर में जब एक परत (level) का क्वाईल बैंडिंग पूरा हो जाता है तब दूसरे परत का बैंडिंग शुरू किया जाता है।
  3. हालाँकि दूसरे लेवल का बैंडिंग पहले लेवल की बैंडिंग के मुकाबले थोड़ा ज्यादा ऊँचाई पर होता है इसलिए हरेक लेवल के बैंडिंग में पिछले लेवल के बैंडिंग के मुकाबले ज्यादा लम्बाई का क्वाईल लग जाता है।
  4. जब क्वाईल की लम्बाई ज्यादा होगी तो जाहिर सी बात है कि उससे निकले हुए तार पर वोल्टेज भी थोडा-बहुत ज्यादा जरूर होगा।
  5. लेकिन चूंकि किसी भी लेवल की बैंडिंग में पिछले लेवल की अपेक्षा थोड़ा-बहुत ही क्वाईल ज्यादा लगता है इसलिए उस लेवल के क्वाईल के आउटपुट वोल्टेज में ज्यादा अंतर नहीं होता है। इसलिए हम मानकर चल रहे हैं सभी क्वाईल के आउटपुट पर एक समान औसत में वोल्टेज मिल रहा है।
  6. स्टेबलाइजर ट्रांसफार्मर में एक के बाद एक कुल मिलाकर 14 लेवल (परत) में क्वाईल की बैंडिंग की गयी है और हरेक लेवल के क्वाईल को हमने अंडाकार रूप में दर्शाया है।
  7. 14 स्टेप में क्वाइल की बैंडिंग होने के बावजूद भी ट्रांसफार्मर में से कनेक्शन के लिए सिर्फ 10 तार ही बाहर निकाला जाता है।
  8. स्टेबलाइजर ट्रांसफार्मर का सबसे नीचे वाला तार कॉमन अर्थात ग्राउंड के लिए होता है इसलिए उस पर 0 वोल्ट मौजूद रहेगा।
  9. स्टेबलाइजर ट्रांसफार्मर का दूसरा तार रिले किट को 12 वोल्ट का सप्लाई देने के लिए निकाला जाता है। अर्थात इस तार पर 12 ac वोल्ट मौजूद रहेगा। यहाँ ध्यान रहे कि पहले लेवल के बाईंडिंग से ही 0v और 12v दोनों का तार निकाल दिया जाता है क्योंकि अगले बैंडिंग पर कम-से-कम 30v होता है।
  10. अभी तक तो दोनों तार बैंडिंग के शुरुआत से अर्थात नीचे से निकाला गया था लेकिन अब रोटरी स्विच पर लगाने के लिए बाकी का 8 तार ऊपर से निकाला जाएगा।
  11. बीच के किसी भी स्टेप के क्वाईल से एक भी कनेक्शन तार नहीं निकाला जायेगा क्योंकि उसकी कोई जरूरत ही नहीं है। लेकिन आपको समझने के लिए हमने बचे हुए लेवल के क्वाईल पर भी उसका आउटपुट वोल्टेज दर्शा दिया है।
  12. महत्त्वपूर्ण बात, ऊपर ट्रांसफार्मर डायग्राम में हमने सभी आउटपुट तार पर जो वोल्टेज दर्शाया है उसका मतलब ये हुआ कि किसी भी स्थिति में यदि दर्शाए गए वोल्टेज से ज्यादा वोल्ट उस तार पर आ जाएगा तो ट्रांसफार्मर जल जाएगा।
  13. अर्थात किसी भी हालत में ट्रांसफार्मर के किसी भी तार पर दर्शाए गए वोल्टेज से ज्यादा वोल्ट नहीं होना चाहिए। यदि ज्यादा वोल्टेज होगा तो ट्रांसफार्मर का क्वाईल उसे बर्दाश्त नहीं कर पाएगा और वो जल जाएगा।
  14. इस ट्रांसफार्मर में किस तार पर इनपुट कनेक्शन और किस तार पर आउटपुट कनेक्शन किया जाता है इसके बारे में हम अगले पोस्ट में बात करेंगे।

अब मुझे पूरी उम्मीद है कि आप ऑटो ट्रांसफार्मर के कार्य सिद्धांत auto transformer stabilizer circuit, stabilizer transformer winding formula in hindi और stabilizer transformer winding diagram को अच्छी तरह से समझ गए होंगे और ये भी समझ गए होंगे कि स्टेबलाइजर में ट्रांसफार्मर कैसे काम करता है।

  • स्टेबलाइजर में लगने वाले कंपोनेंट्स के लिस्ट
  • स्टेबलाइजर में रिले किट कैसे लगता है

यदि इस पोस्ट को समझने में आपको कहीं कोई दिक्कत हो या कुछ संशय हो तो कमेन्ट करके हमें जरूर बातें और यदि ये पोस्ट आपको पसंद आए तो सोशल मीडिया पर इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करना भी न भूलें।

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Hi guys, I am Anand from Begusarai, Bihar. The purpose of the information sharing website i.e. electguru.com blog is to provide all kinds of such information related to Electrical & Electronics. Thanks & keep visiting...

Comments [ 19 ]

  1. Sunita Chauhan says

    Sep 11, 2022 at 11:56 PM

    आप बहुत अच्छी जानकारी देते हों। जितना विस्तार से आपने अपने ब्लॉग में बताया है, इतना किसी ने भी नहीं बताया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद, यह जानकारी हमें देने के लिए।

    Reply
    • Anand Kumar says

      Sep 15, 2022 at 9:53 PM

      धन्यवाद सुनीता जी.

      Reply
  2. Mayur Machhi says

    Sep 22, 2020 at 11:03 AM

    Stebilaizer kya hain?

    Reply
    • Anand Kumar says

      Sep 22, 2020 at 12:50 PM

      कृपया निम्न पोस्ट को पढ़ें…
      https://www.electguru.com/what-is-stabilizer-in-hindi/

      Reply
  3. MD TALHA says

    Jun 30, 2020 at 5:38 PM

    Iski mujhe thodi bhoot jankari pehle se thi but ye post padhne ke baad mujhe bhoot kuch nya janne ko mila

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jun 30, 2020 at 9:26 PM

      Wow! Ye jankar mujhe bahut khushi huyi.😯😯😊😊

      Reply
  4. 99techspot says

    Feb 7, 2020 at 6:53 PM

    Very Good blog post Transformer working

    Reply
    • Anand Kumar says

      Feb 8, 2020 at 3:23 PM

      Thanks dear.

      Reply
    • Anand Kumar says

      Feb 17, 2020 at 12:29 PM

      Thanks dear, keep supporting us.

      Reply
  5. meena site says

    Dec 8, 2019 at 7:45 PM

    एक नई जानकारी पढ़ने के लिए मिली धन्यवाद सर जी

    Reply
    • Anand Kumar says

      Dec 16, 2019 at 10:34 PM

      वेलकम मीना जी.

      Reply
  6. सुरेश कुमार प्रजापति says

    Nov 24, 2019 at 5:54 AM

    Notificatio

    Reply
    • Anand Kumar says

      Nov 26, 2019 at 2:04 PM

      ???

      Reply
  7. electrical हिंदी में says

    Oct 20, 2019 at 4:38 PM

    आप ने बहुत अच्छी जानकरी दी है

    डी . सी . मोटर स्टार्टर के बारे में पूरी जानकारी के लिए क्लिक करे

    Reply
    • Anand Kumar says

      Oct 22, 2019 at 10:42 AM

      जी धन्यवाद.

      Reply
  8. Sukesh says

    Jul 18, 2019 at 9:09 PM

    Anand ji aap is post ka bookhindi me banye hai Kiya hame book ki jrurat hai. Aap ka post bhaut aacha lagta hai good night ji

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jul 18, 2019 at 9:52 PM

      थैंक्यू सुकेश जी, हमने कोई बुक नहीं बनाया है और अभी मैं बुक बना पाने में असमर्थ हूँ. लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो हम इसके लिए कोशिश जरूर करेंगे.

      Reply
  9. Rohit says

    Jan 3, 2019 at 9:47 AM

    good information bahut age badoge ap

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jan 3, 2019 at 11:31 AM

      Thanks Rohit ji.

      Reply

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