इन्वर्टर के बारे में आपलोगों ने जरूर सुना होगा और आपमें से कुछ लोगों के घर में inverter लगा हुआ भी होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्वर्टर क्या है, Inverter कितने प्रकार के होते हैं, इन्वर्टर क्या काम करता है, कैसे काम करता है?
यदि आपको इन्वर्टर के बारे में ये बेसिक बात पता नहीं है तो आज का हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें. इस Inverter in Hindi पोस्ट में आज हम इन्वर्टर कि पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।
What is inverter in Hindi – Inverter kya hai?
Inverter in Hindi: इन्वर्टर एक ऐसा इलेक्ट्रिक युक्ति (उपकरण) है जिसके उपयोग से हम DC करंट को AC करंट में बदल सकते हैं और AC करंट को DC करंट में भी बदल सकते हैं।
या फिर आम भाषा में कहें तो, हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाला Inverter एक ऐसा उपकरण है जिससे हम बैटरी की सहायता से बिजली पैदा कर सकते हैं और मेन बिजली आने पर उस बैटरी को चार्ज भी कर सकते हैं।
इन्वर्टर की जरूरत हमें क्यों पड़ती है?
अक्सर हमारे यहाँ घरों में बिजली गुम रहती है और ऐसे में हम बिजली पर चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। अक्सर बिजली कट जाने के बाद हमें अपने घरों में या तो दीये जलाने पड़ते हैं या फिर इमरजेंसी लाइट का उपयोग करना पड़ता है।
लेकिन यदि आप चाहते हैं कि बिजली कट जाने के बाद भी आपके घर में बिजली का बल्ब जल सके, पंखा चल सके और साथ ही अन्य जरूरी के उपकरण भी चल सके तो ऐसे में आपको एक इन्वर्टर खरीदने की जरूरत पड़ेगी।
Parts of inverter – इन्वर्टर के कितने भाग होते हैं?
जिस तरह से आपके मोबाइल में स्क्रीन अलग होता है, बैटरी अलग होता है, सिम कार्ड अलग होता है, ठीक उसी तरह से इन्वर्टर के भी मुख्य 2 पार्ट होते हैं जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं।
1) Battery – इन्वर्टर में बैटरी का क्या काम है?
बैटरी किसी भी इन्वर्टर का power source होता है। इन्वर्टर से आपको जो आउटपुट बिजली मिलती है उसके लिए जरूरी उर्जा बैटरी से ही ली जाती है। आपको अपने घर के लोड के हिसाब से जरूरी एम्पियर का बैटरी खरीदना होता है।
2) UPS (Inverter) – इन्वर्टर में UPS का क्या काम है?
UPS का फुल फॉर्म “Uninterruptible Power Supply” होता है और यूपीएस को हिंदी में “अबाधित विद्युत आपूर्ति” कहते हैं। इसका काम बैटरी के DC करंट को AC पॉवर सप्लाई में बदलना होता है। और AC करंट को DC करंट में बदलना होता है।
सिंपल शब्दों में कहें तो, यूपीएस का काम बिजली के अनुपस्थिति में बैटरी के सप्लाई को बिजली सप्लाई में बदलने और बिजली सप्लाई से उसी बैटरी को चार्ज करने का होता है। आपके बैटरी के एम्पियर के हिसाब से यूपीएस खरीदना होता है।
Types of inverter – इन्वर्टर कितने प्रकार के होते हैं?
जिस तरह से मोबाइल, टेलीविज़न इत्यादि बहुत प्रकार के होते हैं ठीक उसी तरह से इन्वर्टर भी 2 प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं।
1) Electricity Power Inverter in Hindi – पॉवर इन्वर्टर क्या है?
जिस इन्वर्टर में बैटरी को चार्ज करने के लिए हम बिजली के मेन सप्लाई का उपयोग करते हैं उसे पॉवर इन्वर्टर कहा जाता है। Power Inverter भी निम्नलिखित 2 प्रकार का होता है…
I) Modified Sine Wave Inverter in Hindi – क्या है?
मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर एक सिंपल इनवर्टर होता है जिसमें कम सर्किट लगा होता है जिस वजह से ये सस्ता होता है। लेकिन कम सर्किट इस्तेमाल होने की वजह से ये इन्वर्टर ज्यादा बिजली और बैटरी की खपत करता है और इसका कार्य-क्षमता भी सही नहीं होता है।
II) Pure Sine Wave Inverter in Hindi – क्या है?
प्योर साइन वेव इन्वर्टर में उच्चतम क्वालिटी का और बहुत सारे प्रकार के सर्किट लगाया जाता है जिस वजह से ये मॉडिफाइड वाले इन्वर्टर से थोड़ा महंगा होता है। लेकिन इस इन्वर्टर में जो एक्स्ट्रा सर्किट लगाये जाते हैं उसकी वजह से इसकी कार्य-क्षमता बहुत ही बेहतरीन होती है और काम करने के दौरान ये कम-से-कम ऊर्जा की खपत करता है।
2) Solar Inverter in Hindi – सोलर इन्वर्टर क्या है?
जिस इन्वर्टर में बैटरी को चार्ज करने के लिए सूर्य की किरणों का उपयोग किया जाता है उसे सोलर इन्वर्टर कहा जाता है।
सोलर इन्वर्टर को चार्ज करने के लिए सोलर प्लेट की जरूरत होती है जो कि बहुत महंगा होता है। यदि आपके एरिया में बिजली बहुत ज्यादा समय तक गुल रहती है तो आप सोलर इन्वर्टर खरीद सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे क्योंकि इसके लिए इस्तेमाल होने वाले सोलर प्लेट बहुत ही महंगा आता है।
हालाँकि इस इन्वर्टर के बैटरी को चार्ज करने के लिए आपको बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन चूँकि सोलर प्लेट सिर्फ दिन में सूर्य की रोशनी में ही काम कर सकता है इसलिए सोलर solar inverter में आपको मेन बिजली सप्लाई से चार्ज करने का भी विकल्प होता है और यदि आप चाहें तो इसे बिजली से भी चार्ज कर सकते हैं।
एक बात का ध्यान रहे कि, सोलर इन्वर्टर के लिए अलग से सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी आता है और हम बिजली वाले इन्वर्टर या बैटरी पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।
Working of inverter – इन्वर्टर कैसे काम करता है?
Inverter चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के नियम पर काम करता है। जैसा कि हम parts of inverter में बता चुके हैं कि इन्वर्टर या UPS बिजली की अनुपस्थिति में बैटरी के एनर्जी का उपयोग करके उसे एसी सप्लाई में बदलता है और जब बिजली आ जाता है तब वो बैटरी को चार्ज करने लग जाता है।
बैटरी को चार्ज करने के दौरान इन्वर्टर आउटपुट सप्लाई को बाईपास कर देता है। अर्थात चार्जिंग के दौरान आपके घर का सारा लोड आपके मेन सप्लाई पर चला जाता है जिससे बैटरी पर लोड खत्म हो जाता है और वो तेजी से चार्ज होने लगता है और इससे बैटरी की लाइफ भी बढती है।
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good knowledge.
Thanks Shafi ji.
धन्यवाद सर आपकी पोस्ट काफी लाब्दायी है और हमें आपके आर्टिकल्स पड़ना काफी ज्यादा अच्छा लगता है. आप हमारे देश के लिए काफी अच्छा काम कर रहे है इस प्रकार से और बेतरीन आर्टिकल्स हमरे लिए पोस्ट करते रहिये.
Ji thanks.
nice article
Thanks Vishal.
Sir, you have explained your information very well. Thank you so much sir
Welcome Shivani ji.
बहोत बढ़िया बताया सर अपन ऐसे लिखते रहे।
धन्यवाद, असलम जी.
Inverter ka Connection kaise kar sakte hain?
कृपया हमारे पोस्ट का इन्तजार करें.
Inverter ko Bina Light ke chala sakte hain kya?
जब तक इन्वर्टर की बैटरी चार्ज रहेगी तब तक बिना लाइट की चलेगी, इसके बाद उस बैटरी को चार्ज करने के लिए आपको लाइट की जरूरत पड़ेगी. अगर आपका इन्वर्टर सोलर इन्वर्टर है तो आप उसे सोलर प्लेट से चार्ज कर सकते हैं, इसके लिए लाइट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
Oppo A9 mobile ko TV ke saath usb cable ke dwara kaise connect karein?
Sorry Ajeet ji, iski jankari hamare paas nahin hai.
Bahut hi accha content likha h apne
Thanks, Sandeep ji.
Best and helpfull Post,Hi Sir, Techno Prokash,I am your regular website viewer and user,just as your other articles attracts us, your articles help us a lot.Thanks forpublishing this article.
Welcome dear “Techno Prokash”.
thanks for sharing sir
Welcome Rohit ji.
I hope everyone will benefit for this information
Thanks Raj Laskar ji.
बहुत अच्छी जानकारी
धन्यवाद अंकित जी.
Waah kya achhi tarah se define kiya hai … Really such a great blog
Thankyou Avi ji.
आपका ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा,आपकी रचना बहुत अच्छी हैं।
जी धन्यवाद.
आपका ब्लॉग काफी शानदार है.
आपके ब्लॉग के माध्यम से काफी लोगों को इलेक्ट्रिक के कामों के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
Ji thanks.
Very very very very nice article thanks for sharing this information really great post kari hai bhai
Thankyou Samar bhai.
Achha hai bhai
जी धन्यवाद.
Great
thanks for this information
धन्यवाद मुकेश जी.
Great Awsome Sir
धन्यवाद मुकेश जी.
Helpfull article
धन्यवाद जी.
Invader ka pura post banaye na ji
जी बिलकुल, बहुत ही जल्द.
inverter square wave hai ya sine wave Kaise pata kare kaha likha hota hai
Ji, inverter par likha hua hoga check kariye.
पैनल को सीरीज में जोड़ने और पैरलल में जोड़ने में क्या अन्तर है और इसका विल और एंपियर पर क्या असर पड़ेगा और कितने वाट के पैनल पे कितने एमएम का तार लगा ना होगा जिससे अच्छा अंपियर मिले
सॉरी तौफीक जी, मैं आपका सवाल सही तरह से समझ नहीं पाया. प्लीज आप डीटेल में अपना सवाल पूछिये.
Very nice.
थैंक्यू मनीष जी.
Sir hme invertor le sbhi parto ke name btao
Sorry Mahtaab ji, iski jankari hamare paas nahin hai.
अर्थ फोल्ड निकालना
???