वायरिंग करने का तरीका: आज के समय में लगभग सभी घरों में इलेक्ट्रिक उपकरणों के इस्तेमाल किये जाते हैं। इन उपकरणों को power supply देने के लिए आपने भी बिजली का कनेक्शन जरूर ले रखा होगा। यदि आपने भी अपने घर में बिजली कनेक्शन लिया होगा तो आपने अपने घर की वायरिंग जरूर करवाया होगा। यदि आपने अभी तक अपने घर की वायरिंग नहीं करवाया है तो हो सकता है कि आप इसके लिए सोच रहे होंगे।
यदि आप भी अपने घर की वायरिंग करने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार इस पोस्ट को जरूर पढ़ लें। घर की वायरिंग कैसे करें के बारे में बताने से पहले इस पोस्ट में आज हम आपको house wiring में होने वाले 10 ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अधिकांश लोग करते हैं। आज हम आपको वायरिंग करते समय ध्यान रखने वाली सामान्य बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे ध्यान में रखकर आप अपने हाउस वायरिंग को ज्यादा बेहतर बना सकेंगे।
1) वायरिंग का नक्शा न बनाना
आप जब भी हाउस वायरिंग शुरू करें तो इसे शुरू करने से पहले इस बात का अच्छी तरह से फैसला कर लें कि आपके घर में किस जगह पर कौन-से मटेरियल का इस्तेमाल करना आसान और ज्यादा सुरक्षित होगा। मान लीजिये कि आपका एक ही रूम है और वो छोटा है तो आप अपने घर के गेट पर ही तो board को फिट नहीं कर देंगे न?
इसलिए wiring का काम शुरू करने से पहले ही ये निश्चित कर लें कि कहाँ पर बिजली मीटर लगवाना है, कहाँ पर बोर्ड फिटिंग किया जाना है और बोर्ड में कौन-कौन से मेटेरियल कितनी संख्या में लगाना है? दूसरी बात ये कि wire को एक जगह से दूसरे जगह तक बिछाने के लिए किस रूट का उपयोग करें? मतलब कि कहाँ से और किस तरह से तार को बिछाएं ताकि कम-से-कम तार की खपत भी हो और वायरिंग भी देखने में अच्छा लगे।
इसी तरह से इस बात का भी फैसला करें कि घर में किस जगह पर बोर्ड को फिट किया जाये ताकि आपको सहूलियत हो। Electric board को आप घर में वैसे जगह पर लगायें जहाँ पर आपातकालीन स्थिति में आप तुरंत पहुच सकें। यहाँ नक्शा बनाने का तात्पर्य ये है कि आप अपने मन में अच्छी तरह से वायरिंग का नक्शा बना लें ताकि बाद में आपको ज्यादा परेशान न होना पड़े।
2) Low quality के मटेरियल का उपयोग करना
इलेक्ट्रिकल वायरिंग बार-बार नहीं किये जाते हैं। इसलिए जब भी वायरिंग करें तो वो ऐसा होना चाहिए कि future में उससे आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न आये। हालांकि, वायरिंग में प्रयोग होने वाले सारे materials बहुत ही महंगे होते हैं और 2 room की वायरिंग करवाने में भी हजारों रूपये खर्च हो सकते हैं। इसलिए अधिकांश लोग थोड़े से रूपये बचाने के चक्कर में low quality के ही सारे सामान खरीद लेते हैं जो कि समय से पहले ही खराब होने लगते हैं।
सस्ते सामानों में अक्सर टूट-फूट की समस्या आ जाती है जिस वजह से घर का wiring असुरक्षित हो जाता है और इसमें बाहरी नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब भी वायरिंग करवाएं तो इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि उसमें इस्तेमाल किये जाने वाले सभी सामान किसी branded company के हों और मजबूत हों। हमारे यहाँ आमतौर पर Anchor और Havells के मटेरियल के उपयोग किये जाते हैं जो कि बेहद ही मजबूत और टिकाऊ माने जाते हैं और इनकी Life भी बेहतर होते हैं।
3) Low quality के तार का इस्तेमाल करना
हमारे घरों की Wiring में चारों तरफ से जमकर पैसे खर्च हो जाते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खर्च wiring के लिए wires पर ही हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बाकी सभी components तो कहीं-कहीं पर ही इस्तेमाल होते हैं लेकिन wire के इस्तेमाल सभी जगह पर किये जाते हैं। साथ ही wire में महंगे धातु के इस्तेमाल भी किये जाते हैं जिस वजह से ये महंगे होते हैं। कहने का तात्पर्य ये है कि आपका घर जितना बड़ा होगा और आप जितने ज्यादा दूरी में कोई उपकरण इस्तेमाल करेंगे उतने ही ज्यादा लम्बाई के वायर की आपको जरूरत पड़ेगी।
दूसरी वजह ये है कि इतने लम्बे पूरे तार में Copper (कॉपर) या Aluminium (एल्युमीनियम) जैसे महंगे धातु के इस्तेमाल किये जाते हैं जिस वजह से ये बहुत ही महंगे हो जाते हैं और प्रति मीटर अच्छे क्वालिटी के copper के वायर की कीमत करीब 20 रूपये से भी ज्यादा पड़ जाते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पैसे बचाने के लिए कोई भी घटिया क्वालिटी के तार का इस्तेमाल wiring में कर दिया जाए। यदि पहली बार में आप गलत वायर से वायरिंग करते हैं तो बाद में कोई भी दिक्कत आने पर लम्बा-चौड़ा खर्च लग सकता है। इसलिए पहली बार में ही अच्छे तार से wiring करें ताकि आगे चलकर उससे आपको कोई परेशानी न आये।
Copper के बजाये Aluminium के wires का इस्तेमाल करें
जब भी आप wiring करें तो सिर्फ-और-सिर्फ copper यानि कि ताम्बे के तार का ही इस्तेमाल करें। हालांकि ये एल्युमीनियम के तार की अपेक्षा 2-3 गुना तक महंगा हो सकता है लेकिन यकीन मानिए ये आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। एल्युमीनियम के तार कॉपर के अपेक्षा कमजोर और ज्यादा लचीला होता है और 3-4 बार गाँठ पड़ने से टूट भी जाता है लेकिन कॉपर का तार इतना कमजोर नहीं होता है।
ज्यादा समय हो जाने के बाद aluminium के वायर के छोर पर गंदगी जमा हो जाते हैं जिस वजह से वो सही से काम करना बंद कर देता है। लेकिन वहीँ यदि बात करें कॉपर के wire की तो इसमें ऐसा कोई बात नहीं है। कॉपर के तार बहुत लम्बे समय तक सुरक्षित रहते हैं और हमेशा ही सही से काम करते हैं।
4) Wiring में insulation tape का ज्यादा इस्तेमाल करना
वायरिंग के दौरान यदि एक बंडल का wire बीच में ही ख़त्म हो जाता है या फिर किसी भी कारणवश जब wiring के बीच में 2 तार को आपस में जोड़ना होता है तब तार को छीलकर उसे आपस में लपेट दिया जाता है और फिर उसके बाद उस तार के ऊपर टेप को अच्छे से लपेट दिया जाता है। लेकिन बहुत सारे लोग tape का सही से इस्तेमाल करना नहीं जानते हैं और गलत तरीके से उसका इस्तेमाल कर देते हैं।
बहुत सारे लोग wire को आपस में लपेटने के समय ही ढीलापन छोड़ देते हैं जिस वजह से वहां से sparking होने लगता है और वो हिस्सा गर्म होकर जलने लगता है। इस वजह से कभी-कभी आग लगने की भी स्थिति बन जाती है। इसलिए पूरी कोशिश करें कि वायरिंग में टेप का इस्तेमाल कम-से-कम करना पड़े और जहाँ भी उसका इस्तेमाल हो तो बहुत ही मजबूती से हो और किसी भी तरह का कोई ढीलापन न हो।
5) बोर्ड में Electrical Fuse और Indicator का इस्तेमाल नहीं करना
Electric board में फ्यूज और इंडिकेटर का बहुत ही महत्त्व है। Fuse के इस्तेमाल से wiring सुरक्षित रहता है और जरूरत पड़ने पर पूरे घर के बिजली सप्लाई को बंद भी किया जा सकता है। साथ ही Indicator के माध्यम से बिजली के उपस्थिति या अनुपस्थिति का तुरंत पता चल जाता है। साथ ही इनके और भी बहुत सारे फायदे हैं। इसलिए जब भी wiring करें अपने board में fuse और indicator का इस्तेमाल जरूर करें।
6) Wiring में circuit breaker का इस्तेमाल न करना
अकसर हमारे साथ आपातकालीन घटना घटते रहते हैं। पता नहीं कब क्या हो जाए, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे कई मौके आते हैं जब wiring की कमजोरी या फिर हमारे ही छोटी सी गलतियों के वजह से हमें बिजली के झटके लग सकते हैं और हम प्रवाहित बिजली में चिपके रह सकते हैं। तो ऐसे आपातकालीन स्थितियों के लिए आप पहले से ही अपने घर के हरेक कमरे की wiring में एक ऑटोमेटिक सर्किट ब्रेकर जरूर लगवा लें।
इससे आपको फायदा ये होगा कि जब भी कभी ऐसे आपातकालीन समय आयेंगे तब ये ब्रेकर ज्यादा current प्रवाहित होने के वजह से खुद ही स्टार्ट हो जायेंगे और फिर वायरिंग का circuit ब्रेक हो जायेगा जिससे कि करंट का प्रवहन रूक जायेगा और पीड़ित लोग को कम नुकसान होगा और उचित इलाज मिलने के बाद वो जल्दी ही ठीक हो जायेगा।
7) इलेक्ट्रिक मीटर के बाद एक Changer जरूर लगायें
वैसे तो उस तरीके से वायरिंग करें ही नहीं जिससे कि बाद में उसकी मरम्मत करने की नौबत आये। लेकिन संयोगवश यदि ऐसी कोई नौबत आये या फिर किसी भी वजह से आपको वायरिंग में कुछ बदलाव करने पड़ जाएँ तो उस समय विद्युत् प्रवाहित वायरिंग के साथ काम करना सही नहीं होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले बिजली के पोल पर जाकर अपने connection wire को उतरना पड़ेगा जिससे कि आपके घर में supply आना बंद हो जाये और आप बेहिचक मरम्मत का काम कर सकें।
लेकिन ये प्रक्रिया बहुत ही कठिन और खतरनाक है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स में इस समस्या को देखते हुए Changer का निर्माण किया गया है। Unit meter से निकले दोनों तार को इस चेंजर से जोड़ा जाता है और फिर इसी चेंजर के दूसरे भाग से output निकाला जाता है जिसका wiring में इस्तेमाल किया जाता है। इसका काम ये होता है कि जब इसे ऑफ किया जाता है तब ये विद्युत् के प्रवाहन को रोक देता है जिससे कि आप बेफिक्र होकर वायरिंग में जो चाहें बदलाव कर सकते हैं।
8) Wiring में भू-तार का connection नहीं करवाना
बहुत सारे उपकरण ऐसे होते हैं जिसके cabinet (कैबिनेट) पर शॉर्टिंग या फिर कनेक्शन वायर के टूट जाने के वजह से बिजली के झटके आने लग जाते हैं। ऐसी हालत में यदि इन उपकरणों को सप्लाई देकर छू लिया जाए तो इससे झटके लगने से शारीरिक नुकसान भी पहुँच सकते हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए ऐसे सारे उपकरणों में ही एक विकल्प दिए हुए होते हैं जिसे भू-तार के नाम से जाना जाता है। भू तार क्या है और ये किस तरह से हमारी रक्षा करता है इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए हमारा भू तार क्या है पोस्ट जरूर पढ़ें।
9) बिजली बोर्ड में एक ही 5-pin या 2-pin socket लगवाना
पहले हमारे इलेक्ट्रिक जरूरत बहुत ही कम हुआ करते थे। लेकिन अब हमारे जरूरत असीमित हो गए हैं। हमलोग टीवी तो रूम में देखते ही हैं लेकिन साथ-ही-साथ इससे भी ज्यादा उपकरणों का इस्तेमाल एक साथ करते हैं। तो ऐसे में यदि आपके बिजली बोर्ड में इन सभी के plug को लगाने के लिए उचित संख्या में सॉकेट न हों तो इसके लिए आपको अलग से एक एक्सटेंशन बोर्ड खरीदना पड़ सकता है।
लेकिन आपके बिजली बोर्ड में इतने जगह खाली रहते हैं कि आप उसी में 3-4 सॉकेट और लगवा सकते हैं और ये एक्सटेंशन बोर्ड से भी ज्यादा अच्छा विकल्प होगा। इसलिए वायरिंग कराते समय ही इन छोटे-मोटे बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि बाद में ज्यादा खर्चे से बच सकें। वायरिंग करवाते समय ही अपने इलेक्ट्रिक बोर्ड में एक से ज्यादा सॉकेट लगवा लें।
10) इलेक्ट्रिक बोर्ड में पंखा रेगुलेटर नहीं लगाना
गर्मी के सीजन में आप अपने घर में electric fan का इस्तेमाल हवा पाने के लिए जरूर करते होंगे। लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि हमारे घर में इतने ज्यादा voltage होते हैं कि पंखा चले रहने पर हमें ठंडक महसूस होने लगती है। लेकिन यदि पंखा न चलाया जाये तो हमें गर्मी भी महसूस होती है। तो ऐसे स्थिति में न तो पंखा को बंद किया जा सकता है और न ही उतने हाई वोल्टेज पर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस समस्या से निपटने के लिए हमें एक electronic fan regulator की जरूरत पड़ती है। इस रेगुलेटर को बिजली के बोर्ड में लगाया जाता है और इसकी खासियत ये होती है कि इसकी मदद से हमारे घर के वोल्टेज पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल बल्ब इत्यादि में भी किया जा सकता है लेकिन चूंकि इसे पंखे के लिए बनाया जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ पंखे में ही करना चाहिए।
ज्यादातर लोग हाउस वायरिंग करवाते समय रेगुलेटर लगवाना जरूरी नहीं समझते हैं और वो इसे फालतू का समझते हैं। लेकिन ये बात बिल्कुल ही गलत है। बोर्ड में रेगुलेटर लगाना उतना ही जरूरी है जितना जरूरी घर में पंखा लगाना है। इसलिए जब आप अपने घर की वायरिंग करवाएं तो अपने सभी रूम के इलेक्ट्रिकल बोर्ड में रेगुलेटर जरूर लगवाएं। लेकिन एक बात का ख़ास ध्यान रहे कि रेगुलेटर की सहायता से सिर्फ वोल्टेज को कम किया जा सकता है, उसे बढाया नहीं जा सकता है।
जल्द ही हम वायरिंग करने का तरीका भी बतायेंगे और उसमें वायरिंग डायग्राम भी आपके साथ शेयर करेंगे। अभी ये पोस्ट आपको कैसा लगा कमेन्ट करके हमें जरूर बताएं। यदि ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर जरूर करें और हमारे ऐसे ही पोस्ट की नोटिफिकेशन पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर कर लें।
Akhilesh pal says
Meter aur MCB se 4 room ka conction kaise kare
The Real Person!
Kripya is topic par article ke liye wait kariye.
Durgesh Mohabey says
Aapne bahut achchha samjhaya, aap jaise log bahut jarooori hai jo logo ko poori jaankari dene ka prayaas karte hai… Thank you for writing
The Real Person!
Welcome Durgesh ji, hum jald hi aur bhi interesting articles publish karna start karne wale hain.
Vivek kumar says
सिम्पल वायरिंग में कितने एमएम का तार लेना चाहिए(टीवी और पंखा और फ्रिज)
प्लीज़ बताइए सर
The Real Person!
According to my experience, 1 KW consumption ke liye minimum 1mm-1.5mm ki wire honi chahiye. Aap apne equipments ke wattage calculate kar lijiye.
Global says
Accha h
The Real Person!
जी धन्यवाद.
मनीष कुमार says
मैंन और सब मैंन तार, मैंन और सब मैंन सर्किट, तथा मैंन और सब मैंन बोर्ड किसे कहते हैं?
The Real Person!
सॉरी मनीष जी, इसकी सही और पूरी जानकारी मुझे नहीं है. मैं इस बारे में स्टडी करके इसपर पोस्ट लिखने की कोशिश करूँगा. धन्यवाद…
shaikh majid says
Aap ne bahot hi aasan tarike se
10point batae mere samaj me aagaya sir
The Real Person!
It’s my pleasure.
Manoj says
Sahi jankaari
The Real Person!
जी धन्यवाद.
praful à patil says
Bahut hi important jankari di hai apane mera sawal ye hai ki agar wiring karte samay yadi neutral wire jyada ho to kya kare use ranig me Joana thik rahega
The Real Person!
जी मैं आपके सवाल को समझ नहीं पाया.
Shreyansh Rane says
In points ko aurr explain kijiye please 🙏
The Real Person!
जी बिलकुल.
Tech blowing says
fitting me mera bhi interest hai sir
The Real Person!
ये तो बहुत ही अच्छी बात है.
Deepak Kumar says
Sir aap mujhe under ground wirring aur open type wirring ke bare me samjhye
The Real Person!
Sorry Deepak ji, is matter mein hum aapki help kar pane mein asamarth hain.
Anil says
House wirig ka wire kitney mm ka hona chaiha pl suggest
The Real Person!
ये उस वायर पर पड़ने वाले लोड पर डिपेंड करता है, आमतौर पर सिंपल वायरिंग में मेन वायर कम-से-कम 6 MM का जरूर होना चाहिए. बाकी हम इस टॉपिक पर एक डिटेल्ड पोस्ट लिखने की पूरी कोशिश करेंगे.
Prakash says
40×40ke घर में वायर कि कितने मीटर की जरूरत पड़ेगी
The Real Person!
प्रकाश जी, ये निर्भर करता है कि आप तार को किस तरह से, किस रूट से क्रॉस कर रहे हैं और तार को कितना फैलाकर इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए आपको खुद से ही डिसीजन लेना होगा.