यदि आप इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयरिंग और मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं तो क्या आपको मल्टीमीटर की जानकारी है क्या आपको पता है कि मल्टीमीटर क्या है, क्या आप जानते हैं मल्टीमीटर का काम क्या है, क्या आप मल्टीमीटर चलाने का तरीका जानते हैं, क्या आप जानते हैं मल्टीमीटर का इस्तेमाल कैसे करे? यदि नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको मल्टीमीटर की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं। इस पोस्ट को पढने के बाद आप आसानी से मल्टीमीटर का उपयोग करना सीख सकते हैं।
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मल्टीमीटर क्या है और इसका काम क्या है?
मल्टीमीटर परिभाषा: मल्टी मीटर एक ऐसा मीटर है जिससे वोल्ट, करंट और रेजिस्टेंस तीनों ही मापा जा सकता है। जिस तरह से मीटर को हिंदी में मापक यन्त्र कहा जाता है ठीक उसी तरह से मल्टीमीटर को भी हिंदी में बहुमापी यन्त्र कहा जाता है। मल्टीमीटर का आविष्कार 19वीं शताब्दी में ही किया जा चुका था लेकिन 20वीं शताब्दी में ये पूर्ण रूप से अस्तित्व में आया।
अपने पिछले पोस्ट में हमने विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक मीटर और उनके इस्तेमाल के बारे में बताया था। हमने बताया था कि एमीटर से करंट मापा है, वोल्टमीटर से वोल्ट मापा जाता है और रेजिस्टेंस मीटर से प्रतिरोध मापा जाता है। लेकिन रिपेयरिंग के कामों में किसी भी मैकेनिक को हमेशा ही इन तीनों राशियों को मापने की जरूरत पड़ती है जिसके लिए इन तीनों मीटर का अलग-अलग इस्तेमाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए मल्टी मीटर के इस्तेमाल से ये समस्या दूर हो जाती है क्योंकि multimeter की सहायता से तीनों ही इलेक्ट्रिक राशियों को मापा जा सकता है।
Multimeter कितने प्रकार का होता है?
मल्टीमीटर के प्रकार: इलेक्ट्रिकल मैकेनिक की सुविधा के अनुसार मल्टी मीटर को 2 प्रकार से बनाया गया है। इन दोनों ही मल्टी मीटर के कार्य करने में कोई अंतर नहीं है इसलिए जिन मैकेनिक को जिस किसी भी मल्टीमीटर का इस्तेमाल सुविधाजनक लगे, वो मैकेनिक उस multimeter को खरीद सकते हैं।
1) Analog Multimeter in Hindi: एनालॉग मल्टीमीटर क्या है?
जिस मल्टी मीटर में मापी जा रही राशियों को पढ़ने के लिए सुई लगा होता है उसे एनालॉग मल्टीमीटर कहा जाता है। अर्थात सुई वाले मल्टी मीटर को ही एनालॉग मल्टीमीटर कहा जाता है। एनालॉग मल्टीमीटर में डायल पैनल लगाया हुआ होता है जिसमें पहले से ही सभी इलेक्ट्रिक राशियों के मान लिखे होते हैं और जब इस मीटर से कोई राशि मापी जाती है तो इसकी सुई उचित मान के डायल पर जाकर रूक जाती है। एनालॉग मल्टीमीटर 2 तरह का होता है.
a) बिना रोटरी वाला एनालॉग मल्टीमीटर
किसी भी मल्टीमीटर में अलग-अलग राशियों को मापने के लिए अलग-अलग विकल्प होते हैं। पहले Sanwa (सानवा) analog multimeter आता था जिसमें (-) वाले प्लग को कॉमन रखा जाता था। इसके बाद जिस किसी भी राशि को मापना होता था, (+) वाले प्लग को उस राशि के सॉकेट/खाने में लगा दिया जाता था। इसी तरह से जब भी कभी दूसरी राशि को मापना होता तो (+) वाले प्लग को पहले वाले सॉकेट से निकालकर मापी जाने वाले राशि के सॉकेट में लगाया जाता था। बिना रोटरी वाले मल्टी मीटर को समझने के लिये आप नीचे वाले analog multimeter block diagram फोटो का भी सहारा ले सकते हैं।
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b) रोटरी वाला एनालॉग मल्टीमीटर
आज के समय में टेक्नोलॉजी बहुत ही एडवांस हो गई है और सभी पुराने उपकरण अब नए रूप में विकसित होते जा रहे हैं। एनालॉग मल्टीमीटर में भी पहले से काफी बदलाव हुआ है और अब इसमें रोटरी भी लगा दिया गया है। जिस तरह से पुराने मल्टी मीटर में विभिन्न राशियों को मापने के लिए अलग-अलग खाने बने होते थे, ठीक उसी तरह से रोटरी वाले में भी अलग-अलग विकल्प होते हैं। रोटरी वाले एनालॉग मल्टीमीटर को समझने के लिए आप नीचे वाले analog multimeter diagram फोटो का सहारा भी ले सकते हैं।
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दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि बिना रोटरी वाले मल्टीमीटर में (+) वाले प्लग को मापी जाने वाली राशि के खाने में लगाया जाता था लेकिन रोटरी वाले मल्टीमीटर में (+) और (-) दोनों ही प्लग को मल्टीमीटर में फिक्स करके लगा दिया जाता है। और अलग-अलग राशियों को मापने के लिए रोटरी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि बहुत सारे ऐसे मैकेनिक हैं जो रोटरी वाले मल्टी मीटर आ जाने के बाद भी पुराने तरह के मल्टीमीटर को ही ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन आपको जिस भी तरह के मीटर का इस्तेमाल करना आसान लगे, आप उसी तरह का मीटर खरीद सकते हैं।
2) Digital Multimeter: डिजिटल मल्टीमीटर क्या है?
जिस मल्टीमीटर में मापी जा रही राशियों को पढने के लिए डिस्प्ले लगा हुआ होता है उसे डिजिटल मल्टी मीटर कहा जाता है। डिजिटल मल्टीमीटर का उपयोग बहुत ही आसान माना जाता है क्योंकि इसके माध्यम से किसी भी इलेक्ट्रिक राशि को मापने के बाद उसे पढने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। नीचे आप digital multimeter image फोटो देख सकते हैं।
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जैसे ही डिजिटल मीटर से कोई राशि चेक किया जाता है, ठीक उसी समय उस राशि का मान इसके डिस्प्ले पर खुद ही लिखा जाता है जिसे एक बच्चा भी आसानी से पढ़ सकता है। मोबाइल मैकेनिक ज्यादातर डिजिटल मल्टीमीटर का ही इस्तेमाल करते हैं।
Multimeter से इलेक्ट्रिक राशि मापने की सीमा क्या है?
चाहे मशीन हो या इंसान, जिस तरह से हरेक के काम करने की एक लिमिट होती है ठीक उसी तरह से मल्टीमीटर से हरेक इलेक्ट्रिक राशि को मापने की भी एक सीमा होती है। हालांकि डिजिटल और एनालॉग दोनों ही मल्टी मीटर से इलेक्ट्रिक राशि मापने की अलग-अलग लिमिट होती है लेकिन वो लिमिट लगभग समान ही होता है। इसलिए हम दोनों के लिमिट को अलग-अलग न बताकर आपस में मिलाकर तब बतायेंगे। तो चलिए जानते हैं मल्टीमीटर से विभिन्न तरह के इलेक्ट्रिक राशि को मापने की लिमिट के बारे में।
1) Multimeter से रेजिस्टेंस मापने की लिमिट
मल्टी मीटर से 0Ω से लेकर 1M तक रेजिस्टेंस को मापा जा सकता है।
1M=1000K=1,000,000Ω=दस लाख ओह्म्स
1K=1000Ω=एक हजार ओह्म्स
2) Multimeter से DC वोल्ट मापने की लिमिट
मल्टीमीटर से 0V से लेकर 1KV तक डीसी वोल्ट को मापा जा सकता है।
1KV=एक किलो वोल्ट=1000V=एक हजार वोल्ट।
3) Multimeter से AC वोल्ट मापने की सीमा
मल्टीमीटर से 750V तक एसी वोल्ट को मापा जा सकता है।
750V=सात सौ पचास वोल्ट
4) Multimeter से DC करंट मापने की लिमिट
पुराने मल्टीमीटर से 250ma तक डीसी करंट को ही मापा जा सकता है लेकिन आधुनिक मल्टी मीटर से 10A तक डीसी करंट भी मापा जा सकता है।
1000ma=एक हजार मिली एम्पियर=1A=एक एम्पियर,
इसलिए 250ma=1/4 A= एक चौथाई एम्पियर।
5) Multimeter से AC करंट मापने की लिमिट
मल्टीमीटर से एसी करंट को नहीं मापा जा सकता है। इससे सिर्फ रेजिस्टेंस, एसी वोल्ट, डीसी वोल्ट और डीसी करंट ही मापा जा सकता है।
- रेजिस्टेंस क्या है?
- Ac और Dc करंट में क्या अंतर है?
मल्टीमीटर के कितने भाग होते हैं?
Parts of a multimeter: डिजिटल मल्टी मीटर और एनालॉग मल्टीमीटर दोनों के एक ही काम हैं और दोनों में सिर्फ डायल पैनल और डिस्प्ले का ही अंतर होता है। दोनों ही मल्टीमीटर में किसी भी इलेक्ट्रिक राशि को मापने से लेकर रीडिंग को पढने तक जितने भी पार्ट्स लगे होते हैं उनके बारे में नीचे विस्तारपूर्वक बताया जा रहा है। नीचे के multimeter parts इमेज में आप मल्टी मीटर के सभी पार्ट्स को आसानी से समझ सकते हैं।
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1) Power cell: मल्टीमीटर में सेल या बैटरी का क्या काम है?
जिस तरह से किसी किसी भी इंसान को काम करने के लिए भोजन और मशीन को काम करने लिए बिजली की जरूरत होती है ठीक उसी तरह से मल्टी मीटर को काम करने के लिए भी पॉवर की जरूरत पड़ती है। एनालॉग और डिजिटल दोनों ही प्रकार के मल्टीमीटर में ऊर्जा स्रोत के रूप मल्टी मीटर के अन्दर अलग-अलग प्रकार का सेल/बैटरी लगा होता है जिसके बारे में नीचे बताया जा रहा है।
a) एनालॉग मल्टीमीटर में कितने वोल्ट का सेल/बैटरी लगा होता है?
Analog multimeter में 3V का बैटरी लगा हुआ होता है। लेकिन चूंकि अच्छी क्वालिटी के 3 वोल्ट का बैटरी महंगा होता है इसलिए इस मीटर में 1.5V का दो सेल सीरीज क्रम में लगा दिया जाता है जिससे multimeter को 3 वोल्ट का पावर सप्लाई मिलने लगता है।
एक बात का ध्यान रहे कि एनालॉग मल्टी मीटर में सेल/बैटरी का प्रयोग सिर्फ रेजिस्टेंस मापने के लिए ही किया जाता है। वोल्ट और करंट को बिना बैटरी के भी मापा जा सकता है। यदि कभी आपको लगे कि आपका एनालॉग मल्टीमीटर प्रतिरोध का गलत रीडिंग बता रहा है तो हो सकता है कि उसका सेल ख़त्म हो गया हो। इसलिए एनालॉग मल्टी मीटर से रेजिस्टेंस की गलत रीडिंग आने पर एक बार सेल को बदलकर जरूर चेक कर लें।
b) डिजिटल मल्टीमीटर में कितने वोल्ट की बैटरी लगी होती है?
Digital multimeter में 9 वोल्ट का बैटरी लगा हुआ होता है। इस बैटरी के बिना डिजिटल मल्टीमीटर से कोई भी राशि नहीं मापा जा सकता है। यदि कभी आपका डिजिटल मल्टी मीटर गलत रीडिंग बताने लगे तो एक बार इसके बैटरी को बदलकर चेक जरूर करें।
2) प्लग या नोब: मल्टीमीटर में प्लग का क्या काम है?
किसी भी मल्टीमीटर में इलेक्ट्रिक राशि को मापने के लिए 2 नॉब/प्लग लगा दिया जाता है। आमतौर पर तार सहित इस पूरे प्लग की लम्बाई 1 मीटर होती है। एक प्लग का रंग लाल और दुसरे का रंग काला होता है। लाल वाले प्लग के एक छोर को मल्टी मीटर के (+) वाले सॉकेट/खाने में लगाया जाता है और काले प्लग के एक छोर को भी मल्टी मीटर के (-) वाले खाने में लगाया जाता है।
इन दोनों ही प्लग के दूसरी छोर पर एक हैंडल/लीड लगा होता है जिसमें एक सुईनुमा नुकीला कील निकला होता है। इसी सुईनुमे कील को सर्किट में उचित जगह पर सटाकर इलेक्ट्रिक राशि को मापा जाता है।
3) सॉकेट
रोटरी वाले मल्टीमीटर में 2 या 3 सॉकेट बना होता है जिसमें प्लग को लगाना होता है। लेकिन बिना रोटरी वाले मल्टी मीटर में बहुत सारा सॉकेट बना होता है। उसमें से कॉमन वाले सॉकेट में काला प्लग को लगाना होता है और बाकी सभी सॉकेट अलग-अलग राशियों को मापने के लिए होते हैं जिनमें लाल प्लग को लगाया जाता है।
4) डायल पैनल या डिस्प्ले
एनालॉग मल्टीमीटर में मापी गई राशि को पढने के लिए एक डायल पैनल लगा होता है और जब मीटर से कोई राशि मापी जाती है तो डायल पैनल की सुई अपने जगह से हटकर उचित जगह पर चली जाती है जिससे मापी गई राशि ज्ञात हो जाता है। साथ ही डिजिटल मल्टीमीटर में रीडिंग को पढने के लिए डिस्प्ले लगा होता है जिससे रीडिंग को पढने में आसानी होती है।
5) Rotary: मल्टीमीटर में रोटरी का काम क्या है?
मल्टीमीटर से वोल्ट, करंट और रेजिस्टेंस तीनों मापा जाता है। लेकिन इन तीनों को मापने के लिए उसमें अलग-अलग विकल्प होते हैं। आप जिस राशि को मापना चाहते हैं, उसके लिए आपको रोटरी को उस राशि वाले उचित पॉइंट पर ले जाना होगा। उदाहरण के लिए, यदि आप मल्टीमीटर से रेजिस्टेंस मापना चाहते हैं तो उसके लिए आपको रोटरी को 10K या 1M resistane वाले विकल्प पर ले जाना होगा। हालांकि, ऊपर हमने बता दिया है कि बहुत सारे एनालॉग मल्टी मीटर में रोटरी का प्रयोग नहीं भी किया जाता है। लेकिन लगभग सभी डिजिटल मल्टीमीटर में रोटरी ही लगा होता है।
6) Adjust 0Ω (एडजस्ट जीरो ओह्म्स)
Multimeter zero adjustment: ये एक तरह का वॉल्यूम स्विच होता है जिसका इस्तेमाल सिर्फ एनालॉग मल्टीमीटर में ही किया जाता है। जब भी एनालॉग मल्टीमीटर का सेल खर्च होकर धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है तब उससे रेजिस्टेंस की गलत रीडिंग आने लगती है। इस स्थिति में 0Ω वाले नोब को घुमाकर रेजिस्टेंस मापने के लिए सुई को 0 ओह्म्स पर सेट करना होता है। नीचे analog multitester parts इमेज में आप एडजस्ट 0 ओह्म्स को देख सकते हैं। साथ ही इस इमेज में आप एनालॉग मल्टी मीटर के अंदर लगे हुए बैटरी के कनेक्शन को भी समझ सकते हैं।
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Multimeter price in india: मल्टीमीटर की कीमत
ऊपर हमने मल्टीमीटर की बेसिक जानकारी दे दिया है। तो अब चलिए जानते हैं विभिन्न तरह के मल्टीमीटर की कीमत के बारे में.
- Multimeter price – मल्टीमीटर कीमत – 150 रूपये से शुरू
- Analog multimeter price – एनालॉग मल्टीमीटर की कीमत – 150 रूपये से शुरू
- Digital multimeter price – डिजिटल मल्टीमीटर की कीमत – 150 RS से शुरू
ऊपर कीमत पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि सभी प्रकार के multimeter की कीमत 150 रूपये से शुरू हो जाती है। हालांकि, आपके मार्केट में इसकी कीमत यहाँ बताये गए कीमत से भिन्न भी हो सकते हैं। इसलिए यदि आप मल्टीमीटर खरीदना चाहते हैं तो अपने यहाँ के मार्केट से सही कीमत का पता जरूर कर लें।
एक बात का और ध्यान रहे कि आधुनिक समय में मल्टीमीटर में बहुत ही बदलाव हुआ है और ये कुछ नए फीचर के साथ भी मार्केट में आ चुका है। इस तरह से यदि देखा जाए तो हजारों रूपये कीमत के भी मल्टीमीटर बाजार में आ चुके हैं। लेकिन फिर भी हम आपको साधारण मल्टी मीटर खरीदने की ही सलाह देंगे क्योंकि इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है।
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