Regulator connection in fan: यदि आपने भी अपने घर में बिजली का कनेक्शन ले रखा है तो आपने अपने रूम में electric fan जरूर लगाया होगा और गर्मी के दिन में आप उसका इस्तेमाल भी जरूर करते होंगे। इलेक्ट्रिक पंखा बहुत तरह के होते हैं जिनमें से ceiling fan (छत का पंखा), stand fan (जमीन पर रखकर इस्तेमाल किया जाने वाला पंखा) और table fan (जमीन पर ऊँचाई पर रखा जाने वाला छोटा पंखा) के इस्तेमाल ज्यादातर किये जाते हैं।
यदि आपके घर में भी बिजली का पंखा है तो क्या आपको फैन रेगुलेटर के बारे में पता है? क्या आप जानते हैं कि fan regulator क्या है? क्या आप जानते हैं रेगुलेटर का काम क्या है? क्या आपको पता है कि इलेक्ट्रिक बोर्ड में रेगुलेटर का कनेक्शन कैसे किया जाता है? यदि आप इन सभी सवालों के जवाब नहीं जानते हैं तो हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम fan regulator की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं। साथ ही बोर्ड में रेगुलेटर का कनेक्शन करने की जानकारी भी देने जा रहे हैं।
पंखा रेगुलेटर क्या है और इसका काम क्या है?
Regulator meaning: Fan regulator एक ऐसा इलेक्ट्रिक यन्त्र है जिसकी सहायता से बिजली के वोल्टेज को कम करके सीलिंग फैन के स्पीड को कंट्रोल किया जाता है। फैन रेगुलेटर को रेगुलेटर स्विच, रेगुलेटर फैन और वोल्टेज रेगुलेटर भी कहा जाता है। Regulator का हिंदी मीनिंग नियंत्रक होता है।
बहुत बार ऐसा होता है कि घर के बाहर का वातावरण बहुत ही अच्छा और शीतल होता है लेकिन जब हम अपने कमरे में जाते हैं तो हमें कुछ गर्मी का अहसास होता है। रूम में गर्मी लगने पर जब आप पंखा चलाएंगे तो आपको ठण्ड लगने लगेगा। ऐसे में न तो आप पंखा चलाकर अपने रूम में रह पाएंगे और न ही पंखा बन्द करके।
हालांकि स्टैंड फैन और टेबल फैन में पहले से ही बहुविकल्पीय स्विच लगा होता है जिसकी सहायता से उस पंखे के स्पीड को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन सीलिंग फैन में इस तरह का कोई भी switch नहीं लगा होता है। सीलिंग फैन का स्पीड पूरी तरह से आपके बिजली के वोल्टेज पर निर्भर करता है। यदि बिजली में कम voltage होगा तो सीलिंग पंखे की स्पीड कम होगी और यदि वोल्टेज ज्यादा होगी तो सीलिंग पंखे की स्पीड भी ज्यादा होगी।
सीलिंग फैन में इसी समस्या को दूर करने के लिए एक फैन रेगुलेटर का इस्तेमाल किया जाता है। रेगुलेटर बिजली के वोल्टेज को कम करने का काम करता है। इसलिए इसे लगाकर सीलिंग फैन के स्पीड पर नियंत्रण बनाया जा सकता है। फैन रेगुलेटर को इलेक्ट्रिक बोर्ड में ही फिट कर दिया जाता है और फिर बोर्ड में ही इसका कनेक्शन भी कर दिया जाता है।
Fan Regulator किस तरह से काम करता है?
Fan regulator working: अधिकांश fan regulator की बनावट आयताकार/घनाभाकार होती है। इसमें कनेक्शन के लिए 2 wire निकले होते हैं जिसे पंखे के साथ बोर्ड में सीरिज क्रम में लगाया जाता है। Board में रेगुलेटर का internal connection किया जाता है अर्थात regulator को बोर्ड के अन्दर ही पूरा कनेक्शन कर दिया जाता है।
अधिकाँश रेगुलेटर में पंखे की गति को नियंत्रित करने के लिए 1 से लेकर 5 तक कुल मिलाकर 5 विकल्प दिए होते हैं। साथ ही इसके लिए एक नॉब भी लगा हुआ होता है जिसे घुमाकर पंखे की गति को कम ज्यादा किया जा सकता है। यदि regulator की नॉब 5 नंबर पर होगी तो पंखा पूरी स्पीड में चलेगा यानि कि पंखे तक पूरा-का-पूरा वोल्टेज पहुंचेगा जितना वोल्टेज बिजली में होगी।
लेकिन रेगुलेटर के नॉब को 5 नंबर से हटाकर ज्यों-ज्यों कम नंबर के point पर करते जायेंगे, पंखे तक पहुँचने वाले करंट का वोल्टेज कम होता जायेगा और पंखे की स्पीड घटती जाएगी। और इस तरह से सबसे अंत में 1 नंबर के point पर पंखे की स्पीड सबसे कम रह जाएगी। इन 5 विकल्प के साथ ही रेगुलेटर में एक off का भी विकल्प होता है जिसपर regulator के नॉब को लाने पर पंखा ऑफ हो जाता है अर्थात पूरी तरह से चलना बंद हो जाता है।
फैन रेगुलेटर की टेक्नीकल बनावट कैसी होती है ?
बहुत सारे जिज्ञासु लोगों के मन में छोटे-छोटे बात पर भी कई सवाल पैदा हो जाते हैं और ऐसे लोग अपने जीवन में बहुत आगे तक जाते हैं। मैं भी अपने बचपन में सोचा करता था कि आखिर रेगुलेटर में ऐसा क्या है जो ये पंखे की स्पीड को कम कर देता है। यदि आपके मन में भी कभी इसी तरह का कोई सवाल आया होगा तो आज हम आपके उस सवाल का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
दरअसल पंखा रेगुलेटर बहुत तरह का होता है लेकिन सभी के काम करने का एक ही सिद्धांत होता है। सभी रेगुलेटर का काम रियल वोल्टेज के मान को कम करना ही होता है। इसके लिए कुछ रेगुलेटर में रेजिस्टेंस का इस्तेमाल किया जाता है तो कुछ regulator में कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस पोस्ट में आज हम सिर्फ रेजिस्टेंस वाले रेगुलेटर के बारे में ही बात करेंगे। पंखा रेगुलेटर के टेक्नीकल बनावट को समझने के लिए आप नीचे के इमेज को देख सकते हैं।
इस इमेज में आप देख सकते हैं कि रेगुलेटर से 2 कनेक्शन वायर निकाला गया है। इसमें से एक वायर रेगुलेटर के नॉब से जुड़ा है। ये नॉब जिस नंबर के पॉइंट पर रहेगा इसका कनेक्शन उस point से जुड़े हुए तार से खुद ही हो जायेगा। उदहारण के लिए, मान लेते हैं कि अभी regulator का नॉब 5 नंबर के पॉइंट पर है तो इसका मतलब ये हुआ कि अभी regulator के दोनों कनेक्शन वायर आपस में जुड़े हुए हैं क्योंकि 5 नंबर वाला पॉइंट रेगुलेटर के दुसरे कनेक्शन वायर के साथ जुड़ा हुआ है।
ठीक इसी तरह से, जब regulator का नॉब चौथे point पर रहेगा तब इसका मतलब ये होगा कि रेगुलेटर के दोनों कनेक्शन वायर के बीच में एक प्रतिरोध लगा है क्योंकि चौथे नंबर point का कनेक्शन regulator के दुसरे कनेक्शन वायर के साथ किया गया है लेकिन उसके बीच एक प्रतिरोध भी लगा है।
ठीक इसी तरह से ज्यों-ज्यों आप 4 से नीचे 3, 2 और 1 पर आते जायेंगे, regulator के दोनों कनेक्शन तार के बीच एक-एक प्रतिरोध बढ़ता जायेगा और इससे जुड़े हुए उपकरण को मिलने वाला वोल्टेज कम होता जायेगा। दूसरी बात, इस इमेज में आप ये भी देख रहे होंगे कि रेगुलेटर के off वाले पॉइंट का कनेक्शन कहीं भी नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस पॉइंट पर पंखे को ऑफ रखना होता है।
पंखा रेगुलेटर में लगे हुए प्रतिरोध का मान कितना होता है?
Fan regulator resistance value: पंखा रेगुलेटर बहुत तरह के आते हैं और सभी में अलग-अलग तरह से रेजिस्टेंस का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर सामान्य प्रतिरोधक का इस्तेमाल बहुत ही कम रेगुलेटर में किया जाता है। आमतौर पर हमारे घरों में इस्तेमाल किये जाने वाले regulator प्रतिरोध के रूप में स्प्रिंग का इस्तेमाल किया जाता है। प्रतिरोधनुमा ये स्प्रिंग बहुत ही मजबूत होता है और रेगुलेटर में इसे किसी कुचालक पदार्थ या पत्थर पर लपेटकर लगाया जाता है।
इस स्प्रिंग का कुल प्रतिरोध लगभग 30 ओह्म होता है और हरेक 2 स्टेप के बीच का प्रतिरोध लगभग 7 Ω होता है। रेगुलेटर में स्प्रिंग इस्तेमाल करने का फायदा ये होता है कि काम करते समय ये रेजिस्टेंस की तुलना में बहुत कम गर्म होता है जिससे कि इसका life बढ़ जाता है। साथ ही resistance के मुकाबले इसकी कीमत भी कम पड़ती है और इसकी wattage capacity भी ज्यादा होती है।
पंखा रेगुलेटर का इस्तेमाल किस पंखे में किया जाता है ?
पंखा रेगुलेटर का इस्तेमाल सिर्फ छत के पंखे में ही किया जाता है क्योंकि अन्य सभी पंखे stand fan और table fan में पहले से ही इनका अपना रेगुलेटर लगा होता है। चूंकि इन पंखे को जमीन पर रखकर ही इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसके regulaor को आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेकिन वहीँ यदि बात करें ceiling fan की तो चूंकि ये पंखा छत से लटका दिया है इसलिए बार-बार पंखे से रेगुलेटर का इस्तेमाल करना बहुत ही मुश्किल और खतरनाक होगा क्योंकि पंखे की ऊँचाई हमारे ऊँचाई से ज्यादा हो जाती है। यही वजह है कि सीलिंग फैन में पहले से रेगुलेटर नहीं लगाया जाता और साथ ही रेगुलेटर को बोर्ड में लगाया जाता है ताकि इसका इस्तेमाल करने में आसानी हो।
Fan regulator price:पंखा रेगुलेटर की कीमत कितनी होती है?
पंखा रेगुलेटर की कीमत उसे बनाने में इस्तेमाल किये गए मटेरियल के गुणवत्ता पर निर्भर करती है। हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले साधारण रेजिस्टेंस टाइप के रेगुलेटर की कीमत लगभग 80 रूपये तक हो सकते हैं। लेकिन यदि बात करें सबसे मजबूत और टिकाऊ रेगुलेटर की तो हम आपको एंकर का regulator लेने की सलाह देंगे। अच्छे क्वालिटी के Anchor fan regulator की कीमत 200 रूपये से भी ज्यादा हो सकते हैं।
इलेक्ट्रिक बोर्ड में फेन रेगुलेटर वायरिंग कैसे की जाती है?
ऊपर हमने रेगुलेटर से सम्बंधित लगभग सभी बेसिक बातें बता दिया है। अब हम आपको बताएँगे कि बोर्ड में रेगुलेटर का कनेक्शन कैसे किया जाता है? इलेक्ट्रिक बोर्ड में फैन रेगुलेटर का कनेक्शन करना बहुत ही आसान है। नीचे आप fan regulator circuit diagram वाले इमेज में fan regulator connection को सरलतापूर्वक समझ सकते हैं।
ऊपर के regulator wiring diagram इमेज को देखकर आप रेगुलेटर का पूरा कनेक्शन समझ गए होंगे। बोर्ड में रेगुलेटर का कनेक्शन करने के लिए ठंडी वाले तार को कॉमन रखा जाता है और उसका कनेक्शन सीधे पंखे के एक तार से कर दिया जाता है। इसके बाद गर्मी वाले तार को फ्यूज और स्विच से ऊपर दिखाए गए चित्र जैसे सीरीज क्रम में वायरिंग किया जाता है और तब स्विच के दुसरे पिन से रेगुलेटर के एक पिन का कनेक्शन कर दिया जाता है। फिर सबसे आखिर में रेगुलेटर के बचे हुए एक पिन का कनेक्शन पंखे के दूसरे तार के साथ कर दिया जाता है।
फैन रेगुलेटर से सम्बन्धित कुछ जरूरी बातें
- पंखा रेगुलेटर के इस्तेमाल से सिर्फ बिजली के वोल्टेज को नियंत्रित किया जाता है जिसके फलस्वरूप पंखे के स्पीड को नियंत्रित किया जा सकता है।
- लगभग सभी इलेक्ट्रिक उपकरण 220v ac पर काम करने लायक बनाये जाते हैं। लेकिन कभी-कभार हमारे घर में इससे ज्यादा वोल्टेज भी आ जाते हैं। इतने हाई वोल्टेज पर इस्तेमाल होने वाले उपकरण के जल जाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए यदि आप उन सभी उपकरणों के लिए भी वोल्टेज को कम करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको वोल्टेज स्टेबलाइजर की जरूरत पड़ेगी। यदि आप फैन रेगुलेटर पर दूसरे उपकरण का इस्तेमाल करेंगे तो रेगुलेटर जलकर खराब हो जायेगा।
- आप चाहें तो 100 watts तक के किसी भी उपकरण को fan regulator के माध्यम से उपयोग कर सकते हैं। ऐसे में हाई वोल्टेज रहने पर भी आपके उपकरण के जलने के उम्मीद कम हो जायेंगे।
- Fan Regulator सिर्फ-और-सिर्फ वोल्टेज के मान को कम करता है। इसका मतलब ये हुआ कि आप पंखे के स्पीड को regulator की सहायता से उसके original स्पीड की तुलना में सिर्फ कम कर पाएंगे। यदि आपके बिजली में कम वोल्टेज है और आप पंखे के स्पीड को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको वोल्टेज स्टेबलाइजर या transformer की जरूरत पड़ेगी।
- जब भी आप रेगुलेटर का इस्तेमाल करते हैं तब पंखे को रियल से कम करंट ही मिल पाता है। तो ऐसे में जाहिर सी बात है कि आपके इलेक्ट्रिक मीटर में कम यूनिट उठेंगे और आपके बिजली बिल में भारी बचत होगी
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