क्या आपको स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी के बारे में पता है, क्या आप स्टेबलाइजर बनाने का नियम जानते हैं? क्या आप स्टेबलाइजर बनाने की विधि और तरीका जानते हैं, क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे बनता है? ऑटो कट स्टेबलाइजर कैसे बनाये, खुद से घर में स्टेबलाइजर कैसे बनाएं, स्टेबलाइजर कैसे बनाया जाता है?क्या आपको स्टेबलाइजर की वायरिंग करने के बारे में पता है? यदि आपको नहीं पता है कि स्टेबलाइजर कैसे बनाये जाते हैं तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें, इस पोस्ट में आज हम स्टेबलाइजर बनाने की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।
खुद से स्टेबलाइजर बनाने से पहले ध्यान रखें ये बातें
दोस्तों, खुद से घर पर स्टेबलाइजर बनाना बहुत ही आसान है और यदि आपको बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी होगी तो इस पोस्ट को पढने के बाद आप अच्छी तरह से समझ जायेंगे कि स्टेबलाइजर कैसे बनती है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि यदि आपको बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी है तो ही खुद से स्टेबलाइजर बनाने की कोशिश करें।
यदि आपको इलेक्ट्रॉनिक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता है तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप बिलकुल भी स्टेबलाइजर बनाने का प्रयास न करें। यदि आप फिर भी बनाना चाहें तो बेहतर होगा कि आप अपने घर के किसी बड़े लोगों या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स की बेसिक जानकारी रखने वाले किसी व्यक्ति के साथ बैठकर ही स्टेबलाइजर बनाने की कोशिश करें।
लेकिन यदि आपको पूरा विश्वास है कि पूरे प्रोसेस के दौरान आप अपने-आप को सेफ रख सकते हैं और आपको किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा तो आप इस पोस्ट पर आगे बढ़ सकते हैं।
इस पोस्ट में हम कौन-से स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी दे रहे हैं?
जैसा कि आपको पता है कि स्टेबलाइजर के प्रकार बहुत सारे हैं और सभी प्रकार के स्टेबलाइजर का इस्तेमाल अलग-अलग कामों में किये जाते हैं। इसलिए एक ही पोस्ट में सभी प्रकार के stabilizer बनाने का तरीका बता पाना संभव नहीं है।
इसलिए इस पोस्ट में आज हम 200 /300 वाट के ऑटो-कट(मैन्युअल) वाले स्टेबलाइजर बनाने का आसान तरीका के बारे में बताने जा रहे हैं। लेकिन जो नियम हम बता रहे हैं वो नियम सभी वाट के ऑटो कट स्टेबलाइजर बनाने के लिए लागू होंगे और इस पोस्ट के साथ हम जो manual volatage stabilizer circuit diagram पेश कर रहे हैं वो भी सभी वाट के ऑटो कट स्टेबलाइजर के लिए काम करेंगे। यदि इस पोस्ट पर आपलोगों का अच्छा रिस्पांस मिलेगा तो हम दुसरे प्रकार के स्टेबलाइजर बनाने वाला तरीका जरूर बताएँगे।
Manual auto cut stabilizer circuit diagram – स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी
इससे पहले कि हम आपको खुद से घर पर स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी दें, हम मैन्युअल ऑटो कट स्टेबलाइजर सर्किट डायग्राम पेश कर रहे हैं ताकि आगे पोस्ट को समझने में आपको कोई दिक्कत न हो। वैसे तो आप सिर्फ इसी डायग्राम को देखकर स्टेबलाइजर बना सकते हैं लेकिन यदि आपको कोई दिक्कत हो तो आगे पोस्ट को जरूर पढ़ें।
साथ ही आगे इस पोस्ट में हम और भी बहुत सारी जानकारियाँ दे रहे हैं जो कि आपके लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक होंगे और इसलिए आपको ये पूरा पोस्ट जरूर पढना चाहिए।
200 वाट या 300 वाट का ऑटो कट स्टेबलाइजर बनाने की विधि – स्टेप बाय स्टेप
नीचे हम एक घरेलू 200 वाट या 300 वाट के ऑटो कट /मैन्युअल स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी स्टेप-बाय-स्टेप देने जा रहे हैं। हरेक स्टेप को सही से पढ़ें और ध्यानपूर्वक उसे फॉलो करें।
1) सबसे पहले ट्रांसफार्मर और रोटरी स्विच का कनेक्शन कैसे करें (ट्रांसफार्मर से इनपुट और आउटपुट निकालना )
- सबसे पहले आप स्टेबलाइजर बनाने के लिए जरूरी सभी टूल्स /औजारों को इकठ्ठा कर लें।
- इसके बाद स्टेबलाइजर में लगने वाले सभी मैटेरियल्स को इकठ्ठा कर लें।
- सारे टूल्स और मैटेरियल्स के इकट्ठे हो जाने के बाद सबसे पहले स्टेबलाइजर के कैबिनेट में चारों तरफ से “गोरा” को फिट कर दें।
- इसके बाद ट्रांसफार्मर और रोटरी स्विच का कनेक्शन कर दें। मतलब ये कि ट्रांसफार्मर के एक तरफ के सभी आठों तारों का कनेक्शन रोटरी स्विच के 1 से 8 तक के पिन से कर दें (ज्यादा डिटेल में समझने के लिए ऊपर के manual auto cut stabilizer circuit diagram इमेज भी देख सकते हैं जिस में हमने इन आठों तारों को लाल रंग के पतले लकीर से दर्शाया है।)।
- ध्यान रहे कि अभी ट्रांसफार्मर के 2 तारों का कनेक्शन करना बाकी है। इनमें से एक तार कॉमन अर्थात (-) के लिए है और दूसरा तार रिले किट को 12 वोल्ट का सप्लाई देने के लिए है।
- इतना करने के बाद अब रोटरी स्विच के 0 और 1 नंबर वाले पिन (चित्र में दिखाए अनुसार) से एक-एक तार सोल्डरिंग करके निकाल लें। यही दोनों तार ट्रांसफार्मर के इनपुट और आउटपुट के लिए होंगे।
- इसके बाद स्टेबलाइजर के कैबिनेट में ट्रांसफार्मर और रोटरी स्विच को फिक्स कर दें।
2) DPDT स्विच का कनेक्शन कैसे करें (स्टेप-अप और स्टेप-डाउन का सेटअप करना)?
- स्टेबलाइजर के कैबिनेट में ट्रांसफार्मर और रोटरी स्विच का कनेक्शन करने के बाद अब बारी है DPDT (डी पी डी टी) स्विच के कनेक्शन करने की। अर्थात स्टेप-अप और स्टेप-डाउन का सेटअप करने की।
- स्टेबलाइजर में DPDT स्विच का काम बस इतना-सा है कि वो रोटरी स्विच से बाहर निकले ट्रांसफार्मर के इनपुट और आउटपुट के दोनों तारों के कनेक्शन को आपस में चेंज कर सके। इसके बारे में ज्यादा विस्तार से जानने के लिए स्टेबलाइजर में स्टेप-अप और स्टेप-डाउन सिस्टम कैसे काम करता है ये पोस्ट पढ़ें।
- सबसे पहले manual stabilizer circuit diagram चित्र में दिखाए अनुसार DPDT स्विच के दोनों कोनों के पिन को आपस में तार के माध्यम से सोल्डरिंग करके जोड़ दें। यदि ये काम नहीं किया जायेगा तो स्टेप-अप और स्टेप-डाउन में से कोई एक ही फंक्शन स्टेबलाइजर में काम करेगा।
- अब, ट्रांसफार्मर और रोटरी स्विच का कनेक्शन करने के बाद ट्रांसफार्मर के लिए जो इनपुट और आउटपुट का 2 तार निकला था; उन दोनों तारों को DPDT स्विच के ऊपर वाले दोनों पिन में से एक-एक में सोल्डर कर दें। (आप चाहें तो नीचे वाले या बीच वाले पिनों में भी सोल्डर कर सकते हैं।)
- इसके बाद DPDT स्विच के बीच वाले पिन में से दोनों में एक-एक तार को सोल्डर करके बाहर निकाल लें और DPDT स्विच को कैबिनेट में फिक्स कर दें। (यदि आप बीच वाले पिन का यूज पहले कर चुके हैं तो अब ऊपर या नीचे वाले में से किसी एक का यूज करें।)
- अब ये जो 2 तार निकले हैं, ये ट्रांसफार्मर के इनपुट और आउटपुट होंगे। ध्यान रहे कि इसके अलावे अभी तक आपके पास सिर्फ 2 ही तार हैं, एक कॉमन वाला और दूसरा 12 वोल्ट वाला; जो कि ट्रांसफार्मर के तार हैं।
3) Stabilizer की पूरी वायरिंग करना – स्टेबलाइजर का कनेक्शन कैसे करें?
- ऊपर यदि आपने ट्रांसफार्मर, रोटरी स्विच और DPDT स्विच का कनेक्शन करके उससे एक इनपुट और एक आउटपुट का तार निकाल लिया है तो अब बारी है स्टेबलाइजर के पूरी वायरिंग करने की।
- सबसे पहले तो मेन वायर, स्विच, फ्यूज होल्डर, आउटपुट सॉकेट, वोल्त्मीटर, फ्यूज कट एलईडी (पीला), ग्रीन एलईडी (हरा) और ऑटो-कट एलईडी (लाल) इन आठों मैटेरियल्स को स्टेबलाइजर के कैबिनेट में फिक्स कर दें।
- अब सबसे पहले मेन वायर के लाल वाले तार को स्विच में लगा दें। और काले वाले तार को खाली पड़ा रहने दें।
- फिर स्विच के दुसरे पिन को फ्यूज में जोड़ दें।
- अब फ्यूज के दूसरा पिन जो होगा वो ट्रांसफार्मर का इनपुट होगा, इसका कनेक्शन आप DPDT स्विच से बाहर निकले किसी एक तार से कर दें।
- इसके बाद अब रिले किट में 12 वोल्ट वाले पॉइंट पर ट्रांसफार्मर के 12 वोल्ट वाले तार को सोल्डर कर दें। और साथ ही रिले किट के ग्राउंड (GND)/कॉमन वाले पॉइंट से ट्रांसफार्मर के कॉमन वाले तार का कनेक्शन कर दें। ये करने का मतलब ये हुआ कि रिले किट को काम करने के लिए जो 12 वोल्ट की जरूरत होती है, उसका कनेक्शन हो चुका है।
- रिले किट के इसी कॉमन वाले पॉइंट से आउटपुट सॉकेट के न्यूट्रल वाले पॉइंट का कनेक्शन कर दें। और मेन वायर के काले वाले तार का भी इसी से कनेक्शन कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि काला वाला तार सभी कनेक्शन के लिए कॉमन काम करेगा।
- आउटपुट सॉकेट के न्यूट्रल का तो कनेक्शन हो चुका है, अब बचा फेज का कनेक्शन करना। ऊपर हमने जो manual stabilizer connection diagram इमेज दिया है, उससे समझकर या फिर रिले किट का कनेक्शन वाले पोस्ट को समझकर आप रिले किट के, रिले के नीचले बायें साइड वाले पिन से आउटपुट सॉकेट के फेज (Phase) का कनेक्शन कर दें।
- अब आपके पास DPDT स्विच का जो एक तार बचा हुआ है उसका कनेक्शन रिले के बीच वाले इकलौते पॉइंट से कर दें ताकि रिले किट को इनपुट 220 वोल्ट मिल सके। ध्यान रहे कि ये तार सिर्फ रिले किट के लिए इनपुट 220 वोल्ट माना जायेगा, ट्रांसफार्मर के लिए ये आउटपुट का ही तार माना जायेगा।
- इतना कुछ कर देने के बाद अब सिर्फ वोल्टमीटर और सभी एलईडी का कनेक्शन करना बाकी रह गया है।
- चूंकि स्टेबलाइजर में वोल्टमीटर, आउटपुट वोल्टेज बताता है इसलिए इसका कनेक्शन स्टेबलाइजर के आउटपुट सॉकेट से किया जायेगा। ऊपर manual volatage stabilizer circuit diagram इमेज में आप डिटेल कनेक्शन समझ सकते हैं।
- इसके बाद फ्यूज के दोनों पिन से पीले वाले एलईडी बल्ब का कनेक्शन कर दें और साथ ही बीच में एक 100 किलो ओह्म्स का प्रतिरोध लगाना भी न भूलें। इस बल्ब को लगाने से होगा ये कि, जब भी आपका फ्यूज जल जायेगा तो ये बल्ब जलने लगेगा जिससे आपको पता लग जायेगा कि सिर्फ फ्यूज जला है, स्टेबलाइजर ख़राब नहीं हुआ है।
- अब लाल वाले और हरे वाले एलईडी बल्ब का कनेक्शन करने के लिए सबसे पहले इनके (-) वाले पिन को आपस में जोड़कर इसका कनेक्शन कॉमन वाले किसी भी पॉइंट से कर दें।
- अब रिले किट में जो 2 पॉइंट खाली पड़े हुए हैं उनमें से एक का कनेक्शन हरे वाले एलईडी के (+) वाले पिन से और दुसरे का कनेक्शन लाल वाले एलईडी के (+) वाले पिन से (ऊपर वाले सर्किट डायग्राम चित्र से समझकर) कर दें।
तो दोस्तों, इस पोस्ट में आज हमने आपके साथ स्टेबलाइजर बनाने की जानकारी हिंदी में शेयर किया है। इस पोस्ट में आपने जाना कि ऑटो कट स्टेबलाइजर कैसे बनाएं, स्टेबलाइजर बनाने का फार्मूला क्या है, स्टेबलाइजर बनाने का तरीका बताएं,, स्टेबलाइजर का कनेक्शन और वायरिंग कैसे करें।
यदि “घर में स्टेबलाइजर कैसे बनाएं” वाला हमारा ये पोस्ट आपको पसंद आये तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और इस ब्लॉग को सब्सक्राईब जरूर कर लें। इस पोस्ट पर यदि आपका रिस्पांस अच्छा रहा तो हम स्टेबलाइजर बनाने का वीडियो भी प्रकाशित करने की कोशिश करेंगे।
Shii hai ye hum ghr or bhi bnaa skte hai
बिलकुल, लेकिन यदि आपको बेसिक पता न हो तो ट्राय न करें.
Ise ghr or bhi bna skte hai kya
जी बिलकुल, इस पोस्ट में यही बताया गया है.
Very Nice Sir💕
जी थैंक्यू.
बहुत ही बढ़िया पोस्ट लिखा है आपने एक नई जानकारी पढ़ने के लिए मिली
जी धन्यवाद.
बहुत ही बढ़िया लेख लिखा है आपने, मुझे आपकी सामग्री और जिस तरह से आप सब कुछ समझाते हैं वह वास्तव में पसंद है। आपकी आने वाली पोस्ट का इंतज़ार रहेगा
धन्यवाद बजरंग जी.
Great Job
Very Nice Article
Thanks Pooja ji.
anand jee apne kaafi saral tarike se samjhaya hai thank you.
धन्यवाद रोविन जी.
Good post bahi an account dynemo pe banye
जी हम, कोशिश करेंगे.
Thanks sir for good information ,apne bahut achi Post likhi h
Welcome Jeba ji.