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Home » Earthing » Earthing (भू तार) क्या है और वायरिंग में इसका काम क्या है?

Earthing (भू तार) क्या है और वायरिंग में इसका काम क्या है?

Posted by: Anand Kumar  |  On: Nov 25, 2017  |  Updated on: Oct 1, 2018

सभी लोग महंगे-से-महंगे सामान लगाकर अपने घर की वायरिंग करवाते हैं और उस wiring को सुन्दर तथा आकर्षक बनाने के लिए पैसे को पानी की तरह बहा देते हैं। हजारों रूपये खर्च करके लोग अपने वायरिंग को सुन्दर और डिजाईनदार तो बना लेते हैं लेकिन इस दौरान बहुत सारे लोग उन बातों पर कुछ खास ध्यान नहीं देते जो उनके लिए बहुत ही important होता है।

हमारे घरों में 220v के हाई वोल्टेज का ac सप्लाई दिया जाता है। घर के वायरिंग या फिर इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण में खराबी आ जाने की वजह से उससे संपर्क हो जाने के बाद झटके लगने आम बात हो जाते हैं। कभी-कभार तो ये झटके इतने घातक होते हैं कि पीड़ित को अस्पताल भी जाना पड़ जाता है।

Bhoo taar house wiring kyo jaruri hai
Maxpixel

लेकिन यदि wiring करवाते समय ही इन सभी बातों का ध्यान रखा जाए और वायरिंग में भू-तार का भी कनेक्शन करवा दिया जाए तो बाद में ऐसे किसी भी आकस्मिक स्थिति में कोई बड़ा नुकसान होने से बचा जा सकता है। भू-तार की वायरिंग करवा देने से झटके लगने के चांस बहुत ही कम हो जाते हैं जिससे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भू तार क्या है? क्या आप जानते हैं कि अर्थिंग क्या है? क्या आप जानते हैं कि अर्थिंग कैसे लगाये? ज्यादातर लोगों को इसकी पूरी जानकारी नहीं होती है जिस वजह से वो अपने घरों में इसकी वायरिंग नहीं करवा पाते हैं और हमेशा ही खतरों से घिरे रहते हैं। तो चलिए, आज हम आपको भू-तार की वायरिंग के बारे में हिंदी में विस्तारपूर्वक बताते हैं।

भू-तार क्या है और इसका काम क्या है?

भू-तार घर की वायरिंग में की जाने वाली एक ऐसी युक्ति है जिसके इस्तेमाल से wiring में सुरक्षा के प्रति विश्वसनीयता बढ़ती है। खराबी आ जाने की वजह से यदि किसी भी उपकरण के कैबिनेट में बिजली के झटके आने लगे, लेकिन यदि घर में भू-तार की भी वायरिंग करवाई गयी हो तो ऐसे खराब उपकरण से छू जाने के बाद भी शरीर को झटका नहीं लगता है और मानव शरीर सुरक्षित रहता है। भू तार को अर्थिंग भी कहा जाता है और घरेलू वायरिंग में इस अर्थिंग के तार के कवर का रंग हरा होता है।

  • मजबूत अर्थिंग लगाने के टिप्स
  • ट्रांसफार्मर का काम क्या है?

 

भूतार का कनेक्शन कहाँ से निकाला जाता है?

बिजली के काम करने के लिए सिर्फ 2 connection wires की ही जरूरत पड़ती है। उसमें से एक गर्मी का वायर बिजली पोल के तार से जोड़ा जाता है और दूसरा ठंडी के वायर के कनेक्शन को धरती से निकाला जाता है। इन दोनों connection को अच्छी तरह से निकाल लेने के बाद किसी भी उपकरण का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन भू-तार का connection बिजली के इस्तेमाल के लिए नहीं बल्कि सिर्फ सुरक्षा के लिए किया जाता है।

जिस तरह से ठंडी का कनेक्शन धरती से निकाला जाता है ठीक उसी तरह से भू-तार के लिए भी connection wire को धरती से ही निकाला जाता है। इसके बाद धरती से निकालने के बाद इस तार का कनेक्शन सिर्फ इलेक्ट्रिक बोर्ड के 5-प्लग सॉकेट से ही किया जाता है।

किसी उपकरण में भू तार का कनेक्शन कैसे होता है?

बिजली पर काम करने वाले किसी भी उपकरण को power के रूप में 220v ac दिया जाता है। सभी उपकरण को बिजली board से connect करने के लिए उसमें एक connection wire लगाया हुआ रहता है। इस तार के जरिये ही current उस उपकरण तक पहुँचता है। लेकिन साथ ही इस वायर को बिजली बोर्ड से कनेक्ट करने के लिए उसमें एक power plug भी लगा हुआ होता है जिसे बोर्ड के सॉकेट में लगाया जाता है।

यदि आपने ऐसे ही कुछ उपकरणों का इस्तेमाल किया हुआ होगा तो आपने इस बात पर गौर जरूर किया होगा कि किसी उपकरण के कनेक्शन वायर के प्लग में सिर्फ 2 पिन ही होता है तो किसी उपकरण के प्लग में 3 पिन भी लगा हुआ होता है।

3 पिन वाले उपकरण के प्लग के 2 कनेक्शन पिन तो इनपुट सप्लाई के लिए ही होते हैं लेकिन इसका सबसे ऊपर वाला तीसरा पिन जो होता है वो पिन ही भू-तार कनेक्शन के लिए लगा हुआ होता है। ठीक इसी तरह से आयरन के power plug में भी 3 पिन लगे होते हैं जिनमें से सबसे ऊपर वाला पिन भू-तार की कनेक्शन के लिए ही होता है। साथ ही भू-तार वाला पिन किसी भी उपकरण के कैबिनेट से कनेक्शन किया हुआ होता है।

  • लो वोल्टेज होने के वजह
  • घर में करंट लगने के वजह

 

भू-तार कनेक्शन वाले उपकरण के उदाहरण

ऐसे बहुत सारे उपकरण हैं जिनमें भू-तार का कनेक्शन किया जाता है, तो वहीं बहुत सारे ऐसे उपकरण भी हैं जिनमें ये कनेक्शन नहीं किया जाता है। भू-तार के connection वाले उपकरण का एक अच्छा उदाहरण है – इलेक्ट्रिक आयरन। Iron एक ऐसा यन्त्र है जिसका इस्तेमाल आजकल लगभग सभी घरों में कपड़े को प्रेस करने के लिए किया जाता है। इस उपकरण में भू तार के कनेक्शन को बहुत ही सरलतापूर्वक और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

कई बार technical folt की वजह से कपड़े को प्रेस करते समय आयरन से झटका भी लगने लगता है। हालांकि, आयरन से झटके लगने के कई वजह हो सकते हैं लेकिन ये समस्या ज्यादातर हमारे असावधानी की वजह से ही आती है। इन्हीं असावधानियों में से एक है, घर में भू-तार की wiring न करवाना।

Iron में भू-तार की कनेक्शन के लिए विकल्प तो दिया हुआ होता है लेकिन सही जानकारी नहीं होने की वजह से लोग उस कनेक्शन को फालतू का समझ बैठते हैं और उसकी वायरिंग नहीं करवाते हैं। बाद में ऐसे ही उपकरणों में जब कोई समस्या आती है और उसके कैबिनेट से sparking होने लगती है जिससे लोगों को शारीरिक नुकसान उठाना पड़ जाता है। आमतौर पर जिस उपकरण के power plug में 3 कनेक्शन पिन हो तो उस उपकरण में भी भू तार का कनेक्शन किया जायेगा।

  • इलेक्ट्रिक आयरन क्या है?
  • इलेक्ट्रिक आयरन के नुकसान

 

भू-तार कनेक्शन किस तरह से काम करता है?

जब भी किसी उपकरण में स्पार्किंग की समस्या आती है तो इसका मतलब ये होता है कि उस उपकरण के कैबिनेट के संपर्क में करंट प्रवाहित कोई तार आ गया है। लेकिन चूंकि उस उपकरण के कैबिनेट से भू-तार वाला कनेक्शन जुड़ा हुआ होता है, इसलिए यदि घर में भू-तार की वायरिंग कराई हुयी होती है तो उस उपकरण के कैबिनेट से होते हुए भू-तार वाले वायर के द्वारा सभी प्रोटॉन (+ आवेश) धरती में समाहित होने लगते हैं।

ऐसे में, स्पार्किंग होने के बावजूद भी उस उपकरण से छू जाने के बाद भी शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। हालांकि, भू-तार की वायरिंग के वजह से भले ही स्पार्किंग होने वाले उपकरण को छू लेने से भी कोई हानि न हो लेकिन यदि उस उपकरण के कैबिनेट से ac टेस्टर को सटाकर विद्युत के मौजूदगी की जांच की जाए तो झटका नहीं लगने के बावजूद भी tester के led बल्ब जल उठेंगे।

साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि भू-तार कनेक्शन के दौरान किसी भी उपकरण में स्पार्किंग की वजह से ज्यादा बिजली की खपत होती है जिससे बिजली बिल में भारी बढोत्तरी हो सकती है। इसलिए यदि कभी भी किसी उपकरण में sparking का शक हो तो तुरंत उसकी मरम्मत करवा लें अन्यथा आपको आर्थिक और शारीरिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

  • स्टेबलाइजर क्या है और ये कितने तरह का होता है?
  • स्टेबलाइजर में इस्तेमाल किये जाने वाले मटेरियल के लिस्ट

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Post writer: Anand Kumar

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Hi guys, I am Anand from Begusarai, Bihar. The purpose of the information sharing website i.e. electguru.com blog is to provide all kinds of such information related to Electrical & Electronics. Thanks & keep visiting...

Comments [ 4 ]

  1. Anil says

    Jun 22, 2019 at 12:46 PM

    Sir aga face or arath se kise Ko connection de to wo kaam karega ya nhe (Nutan hata kar

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jun 22, 2019 at 1:01 PM

      न्यूट्रल जरूरी है, आप चाहें तो अर्थिंग के तार का यूज न्यूट्रल के तौर पर कर सकते हैं.

      Reply
  2. Avinash says

    Oct 8, 2018 at 3:40 PM

    Thanks sir for this knowledge.

    Reply
    • Anand Kumar says

      Oct 8, 2018 at 4:10 PM

      You’re welcome dear Avinash. Please keep visiting…

      Reply

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