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Home » Electronics » Stabilizer बनाने के लिए जरूरी सभी materials के लिस्ट

Stabilizer बनाने के लिए जरूरी सभी materials के लिस्ट

Posted by: Anand Kumar  |  On: Feb 18, 2018  |  Updated on: Sep 30, 2018

Voltage Stabilizer से आपलोग परिचित तो होंगे ही। इसका इस्तेमाल बिजली के वोल्टेज को नियंत्रित करने में किया जाता है। विभिन्न तरह के कामों के लिए विभिन्न तरह के स्टेबलाईजर की जरूरत पड़ती है। लेकिन यदि बात करें आमतौर पर सभी घरों में छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले stabilizer की, तो आमतौर पर सभी घरों में 200 या 300 watts के स्टेबलाईजर इस्तेमाल किये जाते हैं।

हालांकि, market में 200/300 वाट्स के रेडीमेड स्टेबलाईजर भी उपलब्ध होते हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता किसी electrical mechanic द्वारा बनाये गए स्टेबलाईजर से कम ही होती है। ऐसा नहीं है कि readymade स्टेबलाईजर खराब होते हैं, लेकिन ये सच है कि मैकेनिक द्वारा बनाये गए स्टेबलाईजर उससे कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं।

स्टेबलाइजर बनाने के लिए जरूरी मटेरियल के लिस्ट

तो ऐसे में यदि आपको भी अपने घर के छोटी-सी जरूरतों को पूरा करने के लिए 200/300 watts के stabilizer की जरूरत है तो market से खरीदने के बजाये आप इसे किसी मैकेनिक से भी बनवा सकते हैं। लेकिन यदि आप खुद इलेक्ट्रिक काम करने में interest रखते हैं और electronics में आपका थोड़ा-सा भी अनुभव है तो आप हमारे द्वारा बताये तरीकों को follow करके खुद से भी स्टेबलाईजर को बना सकते हैं।

लेकिन इससे पहले कि हम आपको स्टेबलाइजर बनाने की विधि के बारे में बताएं, आपका ये जान लेना बहुत ही जरूरी है कि इसके लिए आपको किस-किस मैटेरियल की जरूरत पड़ेगी। तो चलिए आज इस पोस्ट में जानते हैं कि एक 200 या 300 watts के mannual stabilizer को बनाने में किन-किन सामानों का उपयोग किया जाता है।

200/300 watts के stabilizer बनाने के लिए जरूरी सामानों के list

1) Stabilizer Cabinet (ढ़ांचा या खोला)

स्टेबलाईजर के सभी सामानों को जिस ढाँचे या खोले में फिट किया जाता है उसे स्टेबलाइजर कैबिनेट कहा जाता है। आपके जरूरत के अनुसार बनाये जाने वाले अलग-अलग stabilizer के लिए अलग-अलग cabinet की जरूरत पड़ सकती है। आमतौर पर 200 watts और 300 watts के stabilizer को एक ही कैबिनेट में fit कर दिया जाता है क्योंकि दोनों watts के transformer अलग-अलग size के जरूर होते हैं लेकिन एक ही cabinet में आराम से फिट आ जाते हैं।

  • स्टेबलाइजर कितने तरह का होता है?
  • 12V का चार्जर बनाने के लिए जरूरी सामानों के लिस्ट

फिर इसके बाद बाकी सभी materials दोनों ही watts के स्टेबलाईजर में एक ही तरह के इस्तेमाल किये जाते हैं। लेकिन एक बात का ख़ास ध्यान रहे कि अभी हम आपको mannual stabilizer के बारे में बताने जा रहे हैं। इसलिए इसे बनाने के लिए आपको mannual स्टेबलाईजर के cabinet खरीदने की ही जरूरत पड़ेगी। यदि आप automatic stabilizer वाला cabinet खरीदेंगे तो उसमें mannual स्टेबलाईजर के मटेरियल को फिट नहीं किया जा सकेगा। आमतौर पर mannual स्टेबलाईजर के cabinet की कीमत 70 रूपये के करीब पड़ती है।

2) 200 या 300 watts का auto transformer

सबसे पहले आपको ये जान लेना बहुत ही जरूरी है कि किसी भी स्टेबलाईजर का मुख्य भाग transformer ही होता है। किसी भी stabilizer का वजूद सिर्फ-और-सिर्फ उसके transformer से ही होता है। बाकी जो भी मेटेरियल लगाये जाते हैं, वो सिर्फ उपयोगकर्ता के लिए आसानी से इस्तेमाल करने योग्य बनाने के लिए लगाये जाते हैं। यदि आप 200 watts का stabilizer बनाना चाहते हैं तो आपको transformer भी 200w का ही खरीदना होगा लेकिन यदि आप 300 watts का स्टेबलाईजर बनाना चाहते हैं तो आपको ट्रांसफार्मर भी 300w का ही लेना होगा।

यदि stabilizer में इस्तेमाल किये जाने वाले एक सामान्य ट्रांसफार्मर के कीमत की बात करें तो 200 watts के ट्रांसफार्मर की price 300 रूपये और 300 watts के transformer की कीमत 450 रूपये तक हो सकते हैं। अर्थात दोनों के कीमत में लगभग 150 रूपये का अंतर। इसलिए हमारी पर्सनल सलाह ये है कि यदि आप 300 watts के लिए transformer खरीदने में सक्षम हैं तो 200w के बजाये 300w के ही stabilizer बनाएं ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर आप उसपर 300 watts तक का भी लोड दे सकें।

  • ट्रांसफार्मर क्या है?
  • रिले क्या है?

 

3) DPDT Switch (Double Pole Double Throw Switch)

Stabilizer का उपयोग 2 स्थितियों में किया जाता है। पहली, जब हमारे घर में जरूरत से कम वोल्टेज हो, तो उस समय हम स्टेबलाईजर का इस्तेमाल step up के रूप में करते हैं जिसके तहत हमें जरूरत के अनुसार original voltage की अपेक्षा ज्यादा voltage मिलते हैं। दूसरी, जब हमारे घर में जरूरत से ज्यादा वोल्टेज हो तो उस समय stabilizer का इस्तेमाल हम step down के रूप में करते हैं। इस स्थिति में स्टेबलाईजर हमें high volt के ओरिजिनल voltage से कम और उचित volt का supply प्रदान करता है।

Stabilizer components list in Hindi

स्टेबलाईजर में step up और step down को निर्धारित करने के लिए जिस स्विच का इस्तेमाल किया जाता है उसे DPDT switch कहा जाता है। DPDT का full form होता है, Double Pole Double Throw. इस स्विच का काम होता है एक बार में 2 connection के रूट को बदलना। 200 watts के stabilizer में 5 ampere तक का DPDT इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी कीमत 10-15 रूपये होती है।

4) Rotary switch (रोटरी स्विच)

चूंकि हम mannual (हस्तचालित) स्टेबलाईजर बनाने जा रहे हैं तो जाहिर-सी बात है कि इसमें voltage को नियंत्रित करने के लिए किसी बहुविकल्पीय switch की तो जरूरत पड़ेगी ही।स्टेबलाईजर में इसी स्विच को रोटरी स्विच के नाम से जाना जाता है। इस स्विच में वोल्टेज को नियंत्रित करने के लिए 1 से लेकर 8 तक विकल्प होते हैं। यदि stabilizer स्टेप-अप मोड में हो तो rotay स्विच के 1 नंबर पर उतना ही volt आउट होगा जितना बिजली का ओरिजिनल volt होगा। इसके बाद ज्यों-ज्यों इस स्विच को दायें तरफ घुमाकर इसे ज्यादा नंबर पर करते जायेंगे इसका output voltage बढ़ता जायेगा। इस तरह से कोई भी स्टेबलाईजर ओरिजिनल वोल्टेज के दोगुना तक voltage प्रदान कर सकता है।

यदि stabilizer स्टेप-डाउन मोड में हो तो भी rotary switch के 1 नंबर पर रहने पर ये original input के बराबर voltage ही आउट करेगा। लेकिन ज्यों-ज्यों इस स्विच को दायें तरफ घुमाकर ज्यादा नंबर पर करते जायेंगे इसका आउटपुट वोल्टेज कम होता जायेगा। इस तरह से कोई भी stabilizer original वोल्टेज का आधा तक voltage को आउट कर सकता है।

लेकिन एक बात का ध्यान रहे, हमने आधे और दोगुने voltage मिलने की बात सिर्फ-और-सिर्फ सामान्य तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली stabilizer के बारे में ही बताया है। हकीकत तो ये है कि ख़ास तरह से बनाये गए transformer के माध्यम से ओरिजिनल voltage के मुकाबले जितना चाहे उतना कम और जितना चाहे उतनी ज्यादा voltage प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरत के अनुसार ख़ास तरह के ट्रांसफार्मर की जरूरत पड़ेगी।

  • स्टेबलाइजर में रिले किट कि वायरिंग कैसे की जाती है?
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5) Relay kit (रिले किट)

घरों में कभी भी एक-समान voltage नहीं रहते हैं। वोल्टेज में हमेशा ही उतार-चढ़ाव होते रहता है। इसलिए ऐसे हालत में stabilizer के output voltage भी input voltage के अनुपात में घटते-बढ़ते रहते हैं। लेकिन ऐसे में कभी-कभी आउटपुट वोल्टेज जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो कभी कम भी हो जाता है। जब आउटपुट वोल्टेज कम होता है तब तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जब स्टेबलाइजर का आउटपुट वोल्टेज जरूरत से ज्यादा हो जाए तो इसमें लगाये उपकरण को नुकसान पहुँच सकता है।

इसी समस्या को दूर करने के लिए stabilizer में एक relay किट लगाया जाता है। इस किट की खासियत ये होती है जब भी पहले से सेट किये गए वोल्टेज से ज्यादा voltage आउट होने लगता है तब ये किट सक्रिय हो जाता है और output का supply रोक देता है। ऐसे में stabilizer के आउटपुट पर सप्लाई मिलना बंद हो जाता है जिससे इससे जुड़े हुए उपकरण को भी supply नहीं मिलता है और वो उपकरण काम करना बंद कर देता है।

Relay kit द्वारा over supply को रोकने की इस क्रिया को auto cut (ऑटो कट) कहा जाता है और इस स्थिति में स्टेबलाइजर में लगा हुआ red colour का led (बल्ब) जल उठता है जिससे लोगों को ऑटो-कट होने का पता तुरंत चल जाता है और वो फिर से rottery switch को घुमाकर सही point पर कर देते हैं जिससे फिर से supply मिलने लग जाता है। Relay लगे हुए रिले किट की कीमत करीब 30 रूपये तक पड़ती है।

6) Main wire (मुख्य तार)

Stabilizer में पावर सप्लाई देने के लिए जिस तारका इस्तेमाल किया जाता है उसे main wire कहा जाता है। Market में प्लग लगे हुए बहुत तरह के main wire उपलब्ध हैं। स्टेबलाइजर में सामान्यतः 2 मीटर का वायर उपयोग किया जाता है जिसकी कीमत करीब 25 रूपये तक हो सकती है। यदि आप चाहें तो खुद से भी अच्छी quality का लूज वायर और plug लेकर उसे मेन वायर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

7) Fuse और fuse holder

ऐसा नहीं है कि घरों में हमेशा कम voltage ही होते हैं। बहुत बार तो जरूरत से भी ज्यादा voltage घरों में होते हैं और ऐसी स्थिति में stabilizer के dpdt स्विच को नीचे करना पड़ जाता है। लेकिन जब input voltage बहुत ज्यादा हो तो या फिर जब भी स्टेबलाइजर में किसी तरह की कोई शॉर्ट-सर्किट हो तो उस स्थिति में उसके transformer को नुकसान पहुँच सकता है।

इस नुकसान से बचने के लिए स्टेबलाइजर में fuse का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी किसी तरह की कोई शॉर्टिंग की समस्या होती है तो उस समय कोई भी उपकरण जरूरत से ज्यादा current की खपत करने लगता है। ऐसा ही stabilizer के साथ भी होता है और शॉर्टिंग के समय ये भी जरूरत से ज्यादा current खपत करने लगता है जिसे fuse बर्दाश्त नहीं कर पाता है और वो जल जाता है। फ्यूज के जलते ही stabilizer में supply मिलना बंद हो जाता है और फिर इसके बाद किसी भी तरह का कोई नुकसान होने से भी बच जाता है।

लेकिन चूंकि फ्यूज कभी भी और बार-बार जल सकता है, तो इस स्थिति में हर बार stabilizer के cabinet को खोलकर उसका फ्यूज बदलना बहुत ही मुश्किल भरा काम हो सकता है। इसलिए किसी भी उपकरण में एक fuse holder को इस तरह से लगा दिया जाता है कि जब भी इसका फ्यूज जले तो बिना cabinet को खोले ही उसे सिर्फ फ्यूज होल्डर के ढक्कन को खोलकर फ्यूज को आसानी से बदला जा सके।

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8) Switch और 5-pin socket

जब भी किसी electrical device का उपयोग न करना हो तो उसे off करने के लिए उसमें एक power switch लगा हुआ होता है। Stabilizer में भी एक पावर स्विच लगाया जाता है ताकि जब जरूरत न हो तब इसे ऑफ कर दिया जाये। साथ ही, स्टेबलाइजर से किसी भी दूसरे उपकरण को जोड़ने के लिए एक 5-पिन सॉकेट का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसी socket में दूसरे उपकरण के प्लग को लगाया जाता है जिसके बाद उस उपकरण को stabilizer के द्वारा आउट किया गया supply मिलने लगता है।

9) Voltmeter (वोल्टमीटर)

Mannual stabilizer में output voltage की निगरानी करने के लिए उसमें एक voltmeter भी लगाया जाता है। इससे लोगों को हमेशा ही पता चलते रहता है कि stabilizer वर्तमान समय में कितना volt को आउट कर रहा है। यदि मीटर में कम या ज्यादा वोल्ट प्रदर्शित हो रहा होगा तो लोग उसे देखकर voltage को फिर से नियंत्रित भी कर सकते हैं।

10) Led और led rubber

Mannual stabilizer में 3 तरह के led (एक तरह का डीसी बल्ब) का इस्तेमाल किया जाता है।

1) Green led

जिस समय स्टेबलाइजर सही से अपना काम कर रहा होता है, उस समय उसमें लगा हुआ हरा रंग का एलईडी जलता है जिसका मतलब होता है कि स्टेबलाइजर ठीक है और सही से अपना काम कर रहा है।

2) Red led

Auto-cut हो जाने की स्थिति में लाल रंग का एलईडी जलता है जिससे लोगों को ऑटो-कट होने का पता तुरंत चल जाता है।

3) Yellow led

यदि stabilizer का fuse जल जाए तो उस समय स्टेबलाइजर काम करना बंद कर देता है। तो ऐसे में कोई भी साधारण लोग समझेंगे कि कहीं स्टेबलाइजर खराब तो नहीं हो गया है। इसलिए इसमें एक पीले कलर का एलईडी भी लगाया जाता है जो फ्यूज के जल जाने की स्थिति में जलता है। ऐसे में लोगों को तुरंत पता चल जाता है कि फ्यूज जल गया है और फिर इसके बाद वो खुद से भी इसे बदल सकते हैं।

Led rubber

Stabilizer के cabinet में led के size से बड़ा छेद किया हुआ रहता है जिसमें led को नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए इस छेद में एक एलईडी रबर लगाया जाता है और तब इस रबर में ही led को फिट कर दिया जाता है। इस रबर का एक और फायदा ये होता है कि cabinet से led का सीधा संपर्क ख़त्म हो जाता है जिससे स्पार्किंग होने का चांस ख़त्म हो जाता है।

11) Scroo और nut-bolts

स्टेबलाइजर में सभी components को कैबिनेट से कसने के लिए विभिन्न तरह के स्क्रू और नट-बोल्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही cabinet को रखे जाने के स्थान से ऊँचा करने के लिए कुछ गोरे का इस्तेमाल भी किया जाता है।

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जल्द ही हम स्टेबलाइजर बनाने की विधि के बारे में विस्तारपूर्वक बताएँगे। अभी आपको हमारा ये पोस्ट कैसा लगा और इससे आपको कितनी मदद मिली है कमेन्ट करके हमें जरूर बताएं और इसे social media पर अपने दोस्तों के साथ भी share जरूर करें। हमारे इसी तरह के सभी पोस्ट्स की notification सीधे अपने email id पर पाने के लिए हमें subscribe जरूर कर लें।

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Hi guys, I am Anand from Begusarai, Bihar. The purpose of the information sharing website i.e. electguru.com blog is to provide all kinds of such information related to Electrical & Electronics. Thanks & keep visiting...

Comments [ 25 ]

  1. Raghavendra Mahishi says

    Jan 20, 2022 at 5:03 PM

    Sir, Three Phase Air Cooled and Oil Cooled servo stabilizer ke bare me janana he. Please provide the detailed information.

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jan 20, 2022 at 11:05 PM

      सॉरी राघवेन्द्र जी, अभी हमारे पास इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.

      Reply
  2. Dharmendra verma says

    Nov 2, 2021 at 9:15 AM

    Nice Post
    Miranda House University of Delhi – मिरण्डा हाउस एक गर्ल्स कॉलेज है ये दिल्ली यूनिवर्सिटी के लोथ कैम्पस मे स्थित है मिरण्डा हाउस की स्थापना सन् 1948 मे की गई थी। मिरण्डा हाउस को एन एस के द्वारा A+ ग्रेड दिया गया है।

    Reply
    • Anand Kumar says

      Nov 3, 2021 at 3:04 PM

      Thanks dear.

      Reply
  3. BRIJESH omar says

    Jul 16, 2020 at 11:48 PM

    Ham steplizer sikha do bananiia

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jul 17, 2020 at 7:08 PM

      Brijesh ji, humne already is topic par kuchh posts publish kiya hua hai please ek baar usey check jaroor karein.
      https://www.electguru.com/stabilizer-banane-ki-jankari/

      Reply
      • Harpal singh says

        Jan 16, 2021 at 1:16 PM

        Sir stabilizer kaise banaya jata hai or Uske connection hoga hai

        Reply
        • Anand Kumar says

          Jan 16, 2021 at 6:40 PM

          निम्न आर्टिकल को पढ़ें…
          https://www.electguru.com/stabilizer-banane-ki-jankari/

          Reply
  4. mohit chaudhary says

    May 12, 2020 at 9:46 PM

    sir, 5 kva ke automatic stabilizer ki wiring ke bare mai batana next time

    Reply
    • Anand Kumar says

      May 15, 2020 at 1:42 PM

      OK, we will try.

      Reply
  5. Sukesh says

    Aug 1, 2019 at 8:37 PM

    AAP invater ka pura part or Kia part ka Kiya Kam ke sat post banaye. Jesi fan ka banaye hai.by

    Reply
    • Anand Kumar says

      Aug 3, 2019 at 10:20 AM

      जी, मैं कोशिश करूँगा.

      Reply
  6. Sukesh says

    Jul 14, 2019 at 5:43 PM

    Workshop kholna chhata hu

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jul 14, 2019 at 7:19 PM

      Best of luck.

      Reply
  7. Suraj singh says

    Jul 8, 2019 at 11:50 AM

    Anand ji kya iska wairing bhi bata sakte hai kya

    Reply
    • Anand Kumar says

      Jul 8, 2019 at 9:20 PM

      Yes, please give me some time. Mera next article isi topic par hoga.

      Reply
      • Rajendra Sinha says

        Nov 12, 2021 at 8:10 PM

        आप wiring diagram भी पोस्ट कीजिए ।

        Reply
        • Anand Kumar says

          Nov 12, 2021 at 10:21 PM

          https://www.electguru.com/stabilizer-banane-ki-jankari/
          Please check above post.

          Reply
    • Anand Kumar says

      Jul 14, 2019 at 11:18 AM

      आप इस पोस्ट को चेक करें…
      https://www.electguru.com/stabilizer-banane-ki-jankari/

      Reply
  8. dev babu says

    Apr 11, 2019 at 8:46 AM

    Sir mera 300 watt ka steplizer hai Rotary switch wala hai main use automatic banana Chahta Hoon please help me sir auto cut stabilizer automatic stabilizer kaise banaye

    Reply
    • Anand Kumar says

      Apr 11, 2019 at 2:55 PM

      Aisa karna mumkin jarur hai lekin maine aaj tak aisa try nahin kiya. Iske liye pahle mujhe kuchh testing karni hogi tabhi main kuchh bata paunga.

      Reply
  9. Pankaj kumar says

    Mar 8, 2019 at 1:13 PM

    10kv ka satabilizer kaun2 si samagri lagata hai . Satabilizer banane ke liye

    Reply
    • Anand Kumar says

      Mar 8, 2019 at 2:28 PM

      Sorry Pankaj ji, 10KV ke stabilizer ki jankari hamare paas nahin hai.

      Reply
  10. gaurav sharma says

    Nov 15, 2018 at 10:39 AM

    sir steblizer kaise bnaye?

    Reply
    • Anand Kumar says

      Nov 15, 2018 at 11:59 PM

      Gaurav ji, hum jald hi is topic par post likhenge. Waise aap kitne watt ka stabilizer banana chahte hain?

      Reply

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