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Home » Electronics » जानिये क्यों बार-बार होते हैं ख़राब हमारे पंखे?

जानिये क्यों बार-बार होते हैं ख़राब हमारे पंखे?

Posted by: Anand Kumar  |  On: Mar 23, 2017  |  Updated on: Oct 1, 2018

जानिये क्यों बार-बार होते हैं ख़राब हमारे पंखे?


 हेल्लो दोस्तों, एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूँ अपने इस वेबसाइट टेक्नोलॉजी ज्ञान में। दोस्तों, हमारा पिछले पोस्ट था “आखिर क्यों बार-बार हमारे मोबाइल फ़ोन्स के बैटरी होते हैं खराब?” जिसमें मैंने आपको बताया था कि आहिर किस तरह से और किन गलतियों के कारण बार-बार आपके मोबाइल फ़ोन्स के बैटरी ख़राब होते हैं जिससे कि बार-बार उन्हें बदलना पड़ जाता है। और आज के अपने इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों बार-बार आपके पंखे ख़राब होते हैं और उनके क्वाइल्स जल जाते हैं?

इस पोस्ट में ख़ास

⇒ दोस्तों, हमारा विज्ञानं काफी तरक्की कर चुका है और कई सारे वैसे आविष्कार हो चुके हैं जिसकी कुछ सालों पहले तक हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे। और फिर सभी पुराने यांत्रिक सामान अब नए रूप में भी अवतरित हो चुके हैं तो वहीं कुछ सामानों के नामो-निशान तक मिट चुके हैं। यदि उदाहरण लें, तो आप खुद समझ सकते हैं कि किस तरह से पहले ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविज़न की जगह कलर टेलीविज़न ने लिया था और फिर अब विज्ञानं उतनी तरक्की कर चुका है कि इनके भी नामो-निशान मिटते जा रहे हैं और इनके जगह भी अब एलईडी लेने लगे हैं पहले लोग बात करने के लिए मोबाइल खरीद नहीं पाते थे, लेकिन अब तो ये इतने उन्नत और सस्ते हो चुके हैं कि लोग अब स्मार्टफोन खरीदने लगे हैं। और फिर न जाने अभी कहाँ पर कितने चेंजिंग होने बाकी हैं और कब तक होंगे! लेकिन दोस्तों, आप खुद सोच सकते हैं कि इन सब चीजों में चाहे जितने भी अपडेटिंग हुए हों, कुछ उपकरण ऐसे भी हैं जो कि अभी भी वैसे ही हैं जैसे कि पहले थे और आज भी उनका उतना ही महत्त्व है जितना कि पहले हुआ करता था। तो दोस्तों, ये तो आप जानते ही होंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ? जी हाँ, आप बिलकुल ही सही सोच रहे हैं, मैं पंखा की ही बात कर रहा हूँ। वही पंखा जो कि आज भी वैसा ही है जैसा कि बरसों पहले हुआ करता था। और इसके दामों में सिर्फ समय के बदलने जैसा ही बढ़ोत्तरी हुआ है, यानि कि इसके दाम भी समय के तुलना में उतने ही हैं जितना कि पहले थे। और फिर लोग एक बार इन्हें खरीदकर बरसों तक बिना किसी झंझट के चलाते हैं। लेकिन दोस्तों, कुछ थोड़े-बहुत ऐसी बातें हैं जिन्हें कि यदि हम ध्यान नहीं देंगे तो हमारे पंखे अच्छा परफॉर्मेंस नहीं करेंगे और जब-तब ख़राब होते ही रहेंगे। तो आइये, जानते हैं कि…

हमारे पंखे आखिर बार-बार ख़राब क्यों होते हैं?

1 ➤ समय पर उनकी सर्विसिंग नहीं कराना ⇒ जी हाँ दोस्तों, आप लोग करीब साल दो साल बाद अपने मोटरसाइकिल की सर्विसिंग जरूर करते होंगे जबकि वो उस समय भी चलता ही होगा। तो फिर ऐसे में उनकी सर्विसिंग क्यों कराई जाती है? ये तो आप खुद समझते ही होंगे, उनकी सर्विसिंग इसलिए कराई जाती है क्योंकि उसका परफॉरमेंस कुछ गड़बड़ा जाता है और वो सही ढंग से चलता नहीं है। तो दोस्तों, चूंकि आप बाइक पर तो रेगुलर चढ़ते होंगे इसीलिए आपको पता चल जाता है कि उसका परफॉरमेंस कैसा है और ख़राब लगने पर आप उसकी सर्विसिंग भी करा लेते हैं। जबकि वहीं चूंकि पंखा तो एक ही बार छत से लटका दिया जाता है और उसे तब तक हम सर्विसिंग के नजरिये से नहीं देखते हैं जब तक कि वो ख़राब होकर पूरी तरह से चलना बंद न कर दे या फिर उसे कहीं और शिफ्ट न करना हो। तो दोस्तों, यहाँ मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने पंखे की भी समय-समय पर सर्विसिंग कराते रहे ताकि उसकी लाइफ ज्यादा बढ़ सके।

2 ➤ गलत कैपेसिटर का लगाना ⇒ हाँ दोस्तों, अक्सर होता क्या है कि जब कभी भी हमारे पंखे के कैपेसिटर ख़राब होते हैं तो हम अंदाज से ही मार्केट से एक नया कैपिटोर लाकर लगा देते हैं और इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते कि हमारे पंखे में पहले से किस वैल्यू के कैपेसिटर लगे हुए थे और अब किस वैल्यू के के लगा रहे हैं। बस मार्केट जाते हैं और वहां से किसी भी वैल्यू के सिर्फ सेम साइज में देखकर एक कैपेसिटर लाकर लगा देते है। तो दोस्तों, ऐसा करना बिल्कुल ही गलत है। दरअसल यदि हम बात करें सीलिंग पंखे की तो, इनमें सामान्य तौर पर 2.25 या फिर 3.15 MFD के कैपेसिटर लगे होते हैं जो कि पंखे के वाइंडिंग पर निर्भर करते हैं। यानि कि उनमें किस वैल्यू के कैपेसिटर लगाए जाएं, इस बात का फैसला उनके क्वाइल के बाइंडिंग से की जाती है। आमतौर पर यदि हम 3.15 MFD वाले कैपेसिटर इ जगह पर 2.25 MFD वाले का इस्तेमाल करेंगे तो हमें पंखे में अच्छीऒ स्पीड नहीं मिलेगी और यदि हम 2.25 वाले की जगह पर 3.15 MFD का इस्तेमाल करते हैं तो इससे हमारे पंखे की स्पीड तो बढ़ जाती है लेकिन, साथ ही हमारे पंखे के क्वाइल ज्यादा हीट होने लगते है और कभी भी जल सकते हैं। तो दोस्तों, मेरी तो यही राय है कि जब भी आप पंखे के कैपेसिटर को खुद से बदलें तो एक बार उसके सही मान को अच्छे से देख लें और मार्केट से उसी मन वाले कैपेसिटर को खरीदकर लाएं और उसे ही अपने पंखे में लगाएं ताकि आपके पंखे सालों तक चल सके।

3 ➤ सीलिंग पंखे में स्पीड रेगुलेटर का इस्तेमाल नहीं करना ⇒ दस्तों, अक्सर क्या होता है कि जब हम जेनरेटर या इन्वर्टर का इस्तेमाल करते हैं तो उस समय पूरी वोल्टेज होती है  या फिर जब कभी हमारे बिजली में ही इतने वोल्टेज आ जाते हैं तो आमतौर पर सामान्य से अधिक ही वोल्टेज होती है। तब तो यदि ऐसे में हम सीधे ही इनपर किसी भी उपकरण का इस्तेमाल करेंगे तो उनके ख़राब होने की आशंका बढ़ जाती है और वो जलकर ख़राब हो सकते हैं। तो ऐसे में हमें स्टैब्लाइज़र का इस्तेमाल करना जरूरी हो जाता है ताकि हम अपने घर के वोल्टेज को नियंत्रित कर सकें जिससे कि हमारे उपकरण सुरक्षित रहे। लेकिन दोस्तों, इनके बावजूद भी हमारे पंखे के लिए एक अलग से उपकरण बनाये गए हैं जो कि करीब 100 रूपये तक में ही मिलने शुरू हो जाते हैं। दोस्तों, इसकी विशेषता ये है कि आप यदि इसे अपने पंखे से कनेक्ट कर देते है तो जब भी कभी आपके घर में ज्यादा वोल्टेज होंगे तो उस समय आप इस रेगुलेटर के नॉब को घुमाकर कम पॉइंट पर कर सकते हैं जिससे कि आपके पंखे को कम वोल्टेज मिलेगी और वो सुरक्षित रहेगा। इस नायाब वोल्टेज रेगुलेटर में लगभग 5 ऑप्शन होते हैं। आप जिसपर चाहे नॉब को करके अपने मनपसंद स्पीड में पंखे को चला सकते हैं। दोस्तों, यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि आप इस रेगुलेटर के द्वारा वोल्टेज को सिर्फ कम कर सकते है, यानि कि आप अधिकतम उतना ही वोल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं जितना कि आपके बिजली में होगा इससे अधिक वोल्टेज पाने के लिए तो आपको स्टैब्लाइजर का ही इस्तेमाल करना होगा।


4 ➤ पंखे से आती आवाजों को इग्नोर कर देना 
⇒ दोस्तों, जब भी कभी हमारे पंखे से घर्र-घर्र या चर्र-चर्र या फिर किसी भी तरह की कोई आवाज आती है तो उस समय चूंकि हमें हवा तो अच्छे से ही मिलते हैं इसीलिए हम इन आवाजों पर कोई ख़ास ध्यान ही नहीं देते। लेकिन दोस्तों, ये आवाज़ें हमारे पंखे में आ रहे खराबी के कारण भी आते हैं जिससे कि यदि हम समय पर उनकी मरम्मत न कराएं तो हमारे उनके क्वाइल्स तक जल सकते हैं और आपको 500 रूपये तक इन्वेस्ट करना पड़ सकते हैं। इस बारे में मैं ऑलरेडी एक पोस्ट लिख चुका हूँ आप उसे पढ़ सकते हैं।

⇛ पंखे से आते घर्र-घर्र की आवाज से हैं परेशान तो आजमाएं ये ट्रिक्स


⇛ तो दोस्तों, ये कुछ कारण थे जिसके वजह से आपके पंखे ज्यादा ख़राब होते हैं। आपलोगों को ये पोस्ट कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अपने सुझावों से हमें अवगत जरूर कराएं और यदि आपके कोई सवाल हो और यदि आप हमसे किसी भी तरह की मदद चाहते हैं तो बेहिचक हमें कमेंट कर सकते हैं हम  आपकी पूरी हेल्प करेंगे।

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